पश्चिम बंगाल : सुवेंदु अधिकारी ने सीईसी को लिखा पत्र, एसआईआर को न रोकने की अपील

कोलकाता, 21 नवंबर . पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) और भाजपा के सीनियर नेता, सुवेंदु अधिकारी ने Thursday को चीफ इलेक्शन कमिश्नर (सीईसी) ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखा है.

सुवेंदु अधिकारी का पत्र पश्चिम बंगाल की Chief Minister ममता बनर्जी के सीईसी ज्ञानेश कुमार को लिखे उस लेटर के बाद आया है, जिसमें राज्य में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) को तुरंत रोकने की मांग की गई थी.

अपने लेटर में, सुवेंदु अधिकारी ने सीईसी को लिखे ममता बनर्जी के लेटर के दावों को खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि एसआईआर को पश्चिम बंगाल में बिना प्लान के, अस्त-व्यस्त और खतरनाक तरीके से थोपा गया, जिससे आम लोगों में घबराहट पैदा हुई और चुनाव अधिकारियों, खासकर बूथ-लेवल अधिकारियों (बीएलओ), पर बहुत ज्यादा काम का बोझ पड़ा है.

अपने लेटर में सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया कि सीईसी को ममता बनर्जी का लेटर एसआईआर के जरिए वोटर लिस्ट को साफ करने के अभियान को रोकने की एक बेताब कोशिश थी और उनके लेटर का कंटेंट “पॉलिटिकली मोटिवेटेड” और “असल में बोगस” था.

उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य में एसआईआर प्रक्रिया को रोकने के लिए सीईसी को लेटर भेजने का Chief Minister का कदम असली वोटरों को बचाने के लिए नहीं था, बल्कि अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के रूप में बोगस वोटरों को बचाने की एक पैनिक से भरी कोशिश थी, जो वोटर लिस्ट में अपना नाम शामिल करवाने में कामयाब रहे.

इससे पहले Thursday को, सुवेंदु अधिकारी ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि राज्य में बीएलओ पर दबाव एसआईआर से जुड़े काम के बोझ की वजह से नहीं है, जैसा कि Chief Minister बनर्जी ने दावा किया है, बल्कि डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और डिस्ट्रिक्ट इलेक्टोरल ऑफिसर की तरफ से उन पर रिवीजन एक्सरसाइज के संबंध में गलत तरीकों का सहारा लेने के लिए बेवजह दबाव की वजह से है.

सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि पूर्वी मिदनापुर, हुगली और पूर्वी बर्दवान जैसे जिलों में, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और डिस्ट्रिक्ट इलेक्टोरल ऑफिसर भी बूथ-लेवल अधिकारियों पर अपने ऑफिशियल ओटीपी या तो डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के साथ या डेटा एंट्री ऑपरेटर के तौर पर नियुक्त सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ शेयर करने का दबाव डालकर फुल-टाइम तृणमूल कांग्रेस के चुनाव एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे.

एसएके/एबीएम