काम के दवाब पर बोलीं हुमा कुरैशी, ‘दूसरों की उम्मीदें मेरी जिम्मेदारी नहीं’

Mumbai , 20 नवंबर . मजबूत किरदारों और बेबाक अंदाज के लिए जानी जाने वाली Actress हुमा कुरैशी इन दिनों नई वेब सीरीज ‘महारानी 4’ के साथ-साथ अपने जीवन और करियर को लेकर चर्चा में हैं. लगातार काम और बड़े प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बनने के बीच वह खुद से कैसे जुड़ी रहती हैं, इस पर उन्होंने से खुलकर बात की.

उन्होंने कहा कि अब वह अपने काम को ज्यादा आजादी और आत्मविश्वास के साथ देखती हैं. एक कलाकार के लिए सबसे जरूरी है खुद को समझना और वही करना जिससे दिल संतुष्ट हो.

हुमा ने से बात करते हुए कहा, ”मैंने अब दूसरों की अनावश्यक टिप्पणियों और आलोचनाओं को नजरअंदाज करना सीख लिया है. पहले मैं ‘लोग क्या कहेंगे’ इस बारे में अक्सर चिंतित रहती थीं, लेकिन अब मैं इस शोर को अपने दिमाग में घुसने ही नहीं देती हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि एक Actor तभी अच्छा काम कर सकता है, जब वह उन बातों पर ध्यान दे जो उसे बेहतर बनाने में मदद करें, न कि उन बातों पर जो सिर्फ तनाव बढ़ाती हों. इसलिए मैं खुद को समय देती हूं, अपनी सोच को स्पष्ट रखती हूं और सिर्फ अपने काम पर फोकस करती हूं.”

जब ने उनसे पूछा कि वह बाहरी उम्मीदों और अपनी निजी सोच के बीच कैसे संतुलन बनाती हैं, तो उन्होंने सादगी से जवाब देते हुए कहा, ”मैं ऐसा कोई दबाव नहीं लेती. किसी दूसरे व्यक्ति की उम्मीदें मेरी जिम्मेदारी नहीं हैं. मेरा काम है अपने किरदारों को ईमानदारी से निभाना, करियर को अपनी शर्तों पर आगे बढ़ाना और वह सब करना जो मुझे सही लगे. लोगों की राय पर चलना मेरे लिए कभी महत्वपूर्ण नहीं रहा.”

हुमा ने आगे कहा, ”मेरी सोच समय के साथ बदली है, लेकिन अचानक नहीं. धीरे-धीरे मैं इन चीजों को एक नए नजरिए से देखने लगी हूं. अब मैं सफलता को सिर्फ बाहरी प्रशंसा के रूप में नहीं, बल्कि अपने भीतर की शांति और संतुलन के रूप में भी देखती हूं. असफलता को भी मैं एक सीख की तरह लेती हूं, जिससे आगे का काम और बेहतर हो सके.”

उन्होंने कहा, ”मेरे भीतर एक तरह की परिपक्वता आई है. एक कलाकार, एक इंसान और एक महिला के रूप में मैंने खुद को पहले से ज्यादा समझा है. यह समझ मुझे काम करते समय हल्का महसूस कराती है. अब मेरे अंदर वह तनाव या दबाव नहीं रहता, जिसे कई कलाकार लगातार महसूस करते हैं. आज मैं बिना किसी डर या बोझ के काम करती हूं और इसे बेहद एन्जॉय करती हूं.”

पीके/एबीएम