‘टीएमसी एजेंट की तरह कर रहे काम डीएम’, सुवेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल प्रशासन पर लगाया आरोप

कोलकाता, 20 नवंबर . पश्चिम बंगाल में चल रही एसआईआर की प्रक्रिया को लेकर विपक्ष के नेता और नंदीग्राम विधानसभा से भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने जिला अधिकारियों और टीएमसी के बीच गठजोड़ का आरोप लगाया है. सुवेंदु अधिकारी ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि नकाब उतर गया. टीएमसी पार्टी और पश्चिम बंगाल प्रशासन के बीच अपवित्र गठजोड़ उजागर हो गया है.

उन्होंने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट (डीएम), जिन्हें जिला चुनाव अधिकारी (डीईओ) भी नियुक्त किया गया है, वे चुनाव आयोग द्वारा सौंपी गई चुनावी जिम्मेदारियों को भी पूरा करते हैं. ये अधिकारी अपनी निष्पक्षता खो चुके हैं और भ्रष्ट टीएमसी पार्टी का साथ दे रहे हैं.

सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि पूर्व मेदिनीपुर, हुगली, पूर्व बर्धमान और कई अन्य जिलों में जिला मजिस्ट्रेट पूरी तरह से टीएमसी चुनाव एजेंट की तरह काम कर रहे हैं. वे बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) पर तबादले, निलंबन, वेतन कटौती की धमकी देकर और उन्हें अपने आधिकारिक ओटीपी खुद को या टीएमसी-नियंत्रित डेटा एंट्री ऑपरेटरों को सौंपने के लिए मजबूर कर दबाव डाल रहे हैं, ताकि वे बीएलओ ऐप का दुरुपयोग कर सकें और मतदाता सूची को कमजोर कर सकें.

उन्होंने आगे लिखा है कि मतदाता सूची सत्यापन के लिए बने बीएलओ ऐप को अब ममता बनर्जी प्रशासन द्वारा मतदाता सूची में हेराफेरी करने के लिए फर्जी मतदाताओं को जोड़ने और असली मतदाताओं को हटाने के लिए हाईजैक किया जा रहा है. यह न केवल धांधली है, बल्कि लोकतंत्र की दिनदहाड़े हत्या है.

इससे पहले पश्चिम बंगाल की Chief Minister ममता बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर आपत्ति जताई और दावा किया कि जिस तरह से यह प्रक्रिया चुनाव अधिकारियों और नागरिकों पर थोपी जा रही है, वह अनियोजित और खतरनाक है.

उन्होंने भविष्य में अधिक गंभीर परिणामों से बचने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त से एसआईआर प्रक्रिया को स्थगित करने का भी अनुरोध किया. ममता बनर्जी ने सीईसी को पत्र लिखकर कहा, “मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि कृपया एसआईआर की प्रक्रिया को रोकने, उचित प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करने, और समय-सीमा का गहन पुनर्मूल्यांकन कराने के लिए हस्तक्षेप करें.”

एएमटी/डीकेपी