कोटिलिंगेश्वर मंदिर : परिसर में एक करोड़ शिवलिंग, मनोकामना पूरी होने से जुड़ी भावना

New Delhi, 20 नवंबर . हमारा देश आस्था, संस्कृति और प्राचीन मंदिरों का प्रतीक है. देश के हर कोने में रहस्यमयी और चमत्कारी मंदिर देखने को मिल जाते हैं, लेकिन कर्नाटक के कोलार जिले में एक ऐसा मंदिर है, जहां एक नहीं, बल्कि लगभग 1 करोड़ शिवलिंग स्थापित हैं.

शिवलिंग की सटीक संख्या की जानकारी नहीं है, लेकिन भक्तों का मानना है कि मंदिर परिसर में 1 करोड़ से ज्यादा शिवलिंग स्थापित किए जा चुके हैं.

कर्नाटक राज्य के कोलार जिले के पास कम्मासंद्रा गांव में कोटिलिंगेश्वर मंदिर स्थापित है. मंदिर में भगवान शिव को मुख्य देवता के रूप में पूजा जाता है. इस मंदिर की खास बात है कि यहां दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित है और साथ ही सबसे ज्यादा संख्या में छोटे-छोटे शिवलिंग भी मौजूद हैं. शिवलिंग की संख्या और लोगों की आस्था ही इस मंदिर को खास बनाती है. मंदिर परिसर में 108 फीट ऊंचे विशाल शिवलिंग मौजूद हैं, जिनके सामने 35 फीट ऊंची भगवान नंदी की प्रतिमा बनी है. इन दोनों प्रतिमाओं के सामने ही छोटे-छोटे अनगिनत शिवलिंग स्थापित हैं.

मंदिर परिसर में विभिन्न देवताओं के लिए ग्यारह छोटे मंदिर हैं, जिनमें भगवान हनुमान, भगवान विष्णु, ब्रह्मा, महेश, भगवान वेंकटारमणी स्वामी, भगवान पांडुरंग स्वामी, भगवान राम, देवी अन्नपूर्णेश्वरी, देवी करूमारी अम्मा, भगवान पंचमुखी गणपति, और देवी कन्निका परमेश्वरी की पूजा की जाती है. शिवलिंग के पास एक जल कुंड स्थापित है, जिसका उपयोग भक्त अभिषेक के लिए करते हैं.

इस मंदिर की स्थापना स्वामी संभा शिवमूर्ति ने साल 1980 में की थी. स्वामी का सपना था कि मंदिर परिसर में 1 करोड़ शिवलिंग स्थापित किए जाएं. उसके बाद से उनके अनुयायी कई सालों से मंदिर परिसर में शिवलिंग की स्थापना कर रहे हैं. इसके अलावा, जिन भक्तों की मनोकामना इस मंदिर में पूजन के बाद पूरी होती है, वे भक्त भी मंदिर परिसर में शिवलिंग की स्थापना करते हैं.

खास बात ये है कि भक्त अपना नाम शिवलिंग पर अंकित करते हैं और पुजारी द्वारा स्थापित करवाते हैं. यहां हर शिवलिंग पर स्थापित कराने वाले भक्त का नाम मिल जाएगा. मंदिर 15 एकड़ में बना है, जिसके आसपास सारी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं.

पीएस/एबीएम