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New Delhi, 20 नवंबर . India के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) 2025 के दूसरे फेज में काफी प्रोग्रेस की जानकारी दी, जिसमें 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एन्यूमरेशन फॉर्म (ईएफ) बांटने का काम लगभग पूरा हो गया है.
Thursday दोपहर 3:00 बजे जारी बुलेटिन के अनुसार, ईएफ डिस्ट्रीब्यूशन 98.89 परसेंट तक पहुंच गया है, जो बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) की मजबूत फील्ड मोबिलाइजेशन और बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) की भागीदारी को दिखाता है.
4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलने वाले गिनती के फेज के दौरान, एलिजिबल 50.97 करोड़ वोटर्स में से कुल 50.40 करोड़ ईएफ पहले ही बांटे जा चुके हैं. लेकिन, डिजिटाइजेशन अभी भी डिस्ट्रीब्यूशन से पीछे है, अब तक सिर्फ 10.28 करोड़ फॉर्म ही डिजिटाइज हुए हैं, जो कुल 20.19 परसेंट की डिजिटाइजेशन दर दिखाता है.
गोवा और लक्षद्वीप में ईएफ का 100 परसेंट डिस्ट्रीब्यूशन रिकॉर्ड किया गया है, इसके बाद Gujarat में 99.62 परसेंट और अंडमान और निकोबार आइलैंड्स में 99.98 परसेंट डिस्ट्रीब्यूशन है.
वोटरों की संख्या के हिसाब से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 99.56 प्रतिशत मतदाताओं तक पहुंचा गया है, जिसमें 15.37 करोड़ से ज्यादा वोटर शामिल हैं.
पुडुचेरी में 94.81 प्रतिशत, तमिलनाडु (95.39 प्रतिशत) और केरल (97.06 प्रतिशत) में सबसे कम ईएफ वितरण की सूचना मिली.
डिजिटाइजेशन के मामले में गोवा 54.08 प्रतिशत के साथ सबसे आगे है, उसके बाद लक्षद्वीप 46.06 प्रतिशत और Rajasthan 47.52 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर हैं.
केरल में डिजिटाइजेशन की प्रोग्रेस सबसे कम 3.39 परसेंट रही है.
उत्तर प्रदेश ने हाई डिस्ट्रीब्यूशन एफिशिएंसी के बावजूद, अपने केवल 6.14 परसेंट ईएफ को ही डिजिटाइज किया है.
आयोग ने कहा कि मान्यता प्राप्त Political पार्टियों से वेरिफिकेशन और डिजिटाइजेशन में तेजी लाने के लिए और बूथ लेवल एजेंट नियुक्त करने को कहा गया है.
चुनाव आयोग के प्रेस नोट में बताया गया है कि Rajasthan के आंकड़ों में अंता विधानसभा क्षेत्र शामिल नहीं है, जहां उपचुनाव के कारण बदलाव टाल दिया गया था.
जैसे-जैसे रिवीजन प्रोसेस 4 दिसंबर की डेडलाइन की ओर बढ़ेगा, ईसीआई तय बुलेटिन जारी करता रहेगा.
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पीएसके/एबीएम