शेख हसीना की सजा एक दिखावा, यूनुस का शासन गैर-कानूनी और अलोकतांत्रिक : सजीब वाजेद (आईएएनएस इंटरव्यू)

New Delhi, 20 नवंबर . बांग्लादेश की पूर्व Prime Minister शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध के मामले में इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (आईसीटी) ने दोषी ठहराकर मौत की सजा सुनाई है. हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने Thursday को को दिए इंटरव्यू में पूरी न्यायिक प्रक्रिया को दिखावा और आंखों में धूल झोंकने वाला बताया.

बांग्लादेश के आईसीटी ने शेख हसीना को Wednesday को पांच में से तीन मामलों में दोषी करार देकर दो मामलों में सजा सुनाई. एक मामले में हसीना को उम्र कैद और दूसरे मामले में मौत की सजा सुनाई. यह सजा पिछले साल छात्रों के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसक कार्रवाई के लिए दी गई.

के साथ एक खास इंटरव्यू में, सजीब वाजेद ने मौत की सजा, बांग्लादेश की India से उनके प्रत्यर्पण और Pakistan कैसे मुहम्मद यूनुस की बांग्लादेश Government में फैसले लेने की प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा था, इस बारे में बात की.

: शेख हसीना की मौत की सजा पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?

सजीब वाजेद : यह पूरी तरह से गैरकानूनी तरीके से किया गया है. यह एक मजाक है. आपके पास एक ऐसी Government है जो पूरी तरह से बिना चुनी हुई, गैर-संवैधानिक, गैर-कानूनी है. उन्होंने इस ट्रिब्यूनल के 17 जजों को हटा दिया, और एक नए जज को नियुक्त किया, जिसे ट्रायल बेंच का कोई अनुभव नहीं है, और उन्होंने मेरी मां के बारे में सबके सामने बहुत बुरी बातें कही हैं. वह साफ तौर पर पक्षपाती हैं.

: क्या इसका बांग्लादेश में होने वाले चुनावों से कोई लेना-देना है?

सजीब वाजेद : बिल्कुल. उन्होंने जो किया है, वह यह है कि उन्होंने मेरी मां को दोषी ठहराया है. उन्होंने फिर से कानून में बदलाव किया है ताकि कोई भी जिस पर भी जुर्म का आरोप हो, वह चुनावों में हिस्सा न ले सके, जो कि पूरी तरह से सही प्रक्रिया का उल्लंघन है क्योंकि आप किसी को तब तक बैन नहीं कर सकते जब तक उसे दोषी न ठहराया जाए, इसीलिए उन्हें यह सजा जल्दबाजी में देनी पड़ी. उन्होंने हमारी पार्टी, अवामी लीग को भी चुनावों से बैन कर दिया है. बांग्लादेश में कोई लोकतंत्र नहीं है.

: मौत की सजा के बाद, बांग्लादेश अब India से शेख हसीना को वापस भेजने का आग्रह कर रहा है. क्या यह अपील सही है, आपको क्या लगता है कि आगे क्या होगा?

सजीब वाजेद : देखिए, प्रत्यर्पण के लिए, समझौते के साथ भी, कानून होना चाहिए. सबसे पहले, एक लोकतांत्रिक Government होनी चाहिए, जो यह Government नहीं है. दूसरा, कानूनी तौर-तरीकों का पालन करना चाहिए, जो नहीं किया गया है. प्रोसेस खुद लीगल होना चाहिए, और बांग्लादेश में प्रोसेस पूरी तरह से गैर-कानूनी था. इस आधार पर, लीगली, India मेरी मां को प्रत्यर्पित नहीं कर सकता. India का कोई दायित्व नहीं है.

: Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में आपकी मां की मदद और सुरक्षा के लिए India की भूमिका को आप कैसे देखते हैं?

सजीब वाजेद : मैं Prime Minister मोदी का हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा. उन्होंने मेरी मां की सुरक्षा सुनिश्चित की है. उन्होंने मेरी मां की जान बचाई है. वह एक देश के मुखिया के तौर पर उन्हें कड़ी सुरक्षा में रख रहे हैं. इसके लिए, मैं India Government और India के लोगों का हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा.

: आपकी मां के प्रत्यर्पण के लिए बांग्लादेश की अपील पर India की प्रतिक्रिया कैसी होगी, आपको क्या लगता है?

सजीब वाजेद : मुझे पूरा यकीन है कि मोदी Government यूनुस के नेतृत्व वाली गैर-कानूनी Government के गैर-संवैधानिक और गैर-कानूनी दबाव में नहीं आएगी.

: क्या मुहम्मद यूनुस Government आपकी मां को मारने की कोई साजिश कर रही है?

सजीब वाजेद : नहीं, वे उन्हें मार नहीं पाएंगे. वे असल में सजा को कैसे लागू करेंगे? सबसे पहले, वे उन्हें पकड़ नहीं सकते. दूसरा, एक बार कानून का राज आ जाने पर, यह पूरी प्रक्रिया खत्म हो जाएगी. बांग्लादेश में सब कुछ इतना गैर-कानूनी और गैर-संवैधानिक है और हर कानूनी सिद्धांत का उल्लंघन करता है कि एक बार कानून का राज आ जाने पर, सब कुछ कोर्ट में खारिज हो जाएगा. यह टिक नहीं पाएगा. यूनुस मेरी मां को छू नहीं सकते.

: अगर कांग्रेस पार्टी India में सत्ता में होती तो उसका क्या रिएक्शन होता?

सजीब वाजेद : कांग्रेस पार्टी ने भी ठीक यही किया होता. India में कानून का राज है और आपके पास संवैधानिक प्रक्रिया है. आप लोगों ने हमेशा संविधान और कानूनों को फॉलो किया है.

: विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आपकी मां के सपोर्ट में एक भी स्टेटमेंट जारी नहीं किया है. क्या यह आपके लिए निराशाजनक है?

सजीब वाजेद : नहीं, इस पर मेरी कोई राय नहीं है.

: Pakistan यूनुस की लीडरशिप वाली बांग्लादेश गवर्नमेंट के फैसलों पर कैसे असर डाल रहा है?

सजीब वाजेद : Pakistan इस Government के फैसलों पर असर डाल रहा है. इस Government को Pakistan ने शुरू से ही मदद की है. Pakistan मेरी मां के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल था. जैसा कि आपने देखा है, यह Government Pakistan के साथ बहुत करीबी रिश्ते बना रही है और Pakistanी संस्थाओं को बांग्लादेश में फ्री हैंड दे रही है. लश्कर-ए-तैयबा, उनके कमांडर बांग्लादेश में रह रहे हैं, बोल रहे हैं, और हाल ही में New Delhi में हुए बम अटैक का क्रेडिट लिया है. तो, यूनुस के राज में बांग्लादेश Pakistan का ही एक हिस्सा और आतंकवादियों की पनाहगाह की तरह काम कर रहा है.

: क्या बांग्लादेश में मानवाधिकारों के बड़े उल्लंघन को देखते हुए यूनुस को दिया गया नोबेल प्राइज वापस ले लेना चाहिए?

सजीब वाजेद : नोबेल कमेटियां कभी अपने प्राइज वापस नहीं लेतीं. लेकिन, म्यांमार में नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सूकी को देखिए. उन्होंने भी नोबेल प्राइज जीता था. शांति पुरस्कार असल में लॉबिंग से दिया जाता है. लेकिन, उन्होंने रोहिंग्याओं पर अत्याचार करवाए. अब यूनुस बांग्लादेश को एक नाकाम देश और एक इस्लामी आतंकवादी देश बना रहे हैं.

: क्या शेख हसीना फिर से बांग्लादेश आ पाएंगी, आपको क्या लगता है?

सजीब वाजेद : मुझे पूरा भरोसा है कि वह भविष्य में बांग्लादेश वापस आएंगी. वह बांग्लादेश की बेटी हैं. हमारी पार्टी सबसे बड़ी है. हम कहीं नहीं जा रहे हैं. हमारे लाखों सपोर्टर हैं.

: क्या बांग्लादेश में अवामी लीग के मेंबर और लीडर को मौजूदा Government में परेशान किया गया है?

सजीब वाजेद : हां, हमारे हजारों लीडर और एक्टिविस्ट जेल में हैं. हमारे 100 पार्लियामेंट मेंबर हैं, जो जेल में हैं. कोई ट्रायल या जांच नहीं हुई है. उन पर कोई चार्ज नहीं है. उन्हें बार-बार बेल देने से मना कर दिया गया है. वे Political बंदी हैं. लेकिन, हमारी पार्टी बहुत बड़ी है. आप सबको अरेस्ट नहीं कर सकते, क्योंकि जेलों में जगह नहीं है.

: क्या यूनुस Government शेख हसीना और उनकी पार्टी के खिलाफ बदले की राजनीति कर रही है?

सजीब वाजेद : बिल्कुल, यह पॉलिटिकल बदला है. यूनुस को जमात-ए-इस्लामी का सपोर्ट है, जिसने आजादी की लड़ाई के दौरान हमारे 30 लाख लोगों को मारा था. हमारी Government ने आखिरकार उस लड़ाई के लिए ट्रायल चलाए. यह जमात का बदला है, और जमात कभी नहीं चाहती थी कि बांग्लादेश Pakistan से आजाद हो. अब, जमात यूनुस के साथ सत्ता में आने और बांग्लादेश को ‘Pakistan का हिस्सा’ बनाने की कोशिश कर रही है.

केके/एबीएम