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क्वेटा, 20 नवंबर . Pakistanी सेना की बलूचों के साथ ज्यादती अब रोजाना की बात हो चली है. Thursday को भी ऐसी ही एक दिल दहलाने वाली खबर सामने आई. मानवाधिकार संगठन ने दावा किया कि पाक सेना ने एक बलूच शिक्षक की हत्या कर दी.
न्यायेतर हत्या का ये ताजा मामला है. यानी न अदालत में मुकदमा दर्ज कराया गया और न सुनवाई हुई; सीधे सेना ने अपना फैसला गोली से सुना दिया.
मानवाधिकार संगठन बलूच यकजेहती कमेटी (बीवाईसी) के मुताबिक, स्कूल टीचर अयाज बलूच का क्षत-विक्षत शव Wednesday को केच जिले के बुलेदा स्थित रेको डैम इलाके में मिला.
परिजनों का कहना है कि शव की हालत बहुत खराब थी, चेहरा पहचान में नहीं आ रहा था, और देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता था कि अयाज के साथ काफी ज्यादती हुई है. परिजन शव के पास पड़े जूतों और कपड़ों से ही शिनाख्त कर पाए.
बीवाईसी ने स्थानीय स्तर पर मिली जानकारी के आधार पर कहा कि अयाज को 12 नवंबर को ही अगवा किया गया था. कथित तौर पर उसे स्कूल से लौटते वक्त Pakistanी सुरक्षा बलों ने केच स्थित मुख्य बाजार से अपने कब्जे में लिया था. सुरक्षा बलों के साथ कुछ हथियारबंद भी थे.
संगठन के अनुसार, “अयाज बलोच की हत्या दर्शाती है कि किस तरह बलूचिस्तान में सत्ता हिंसा का सहारा ले रही है, जिसमें न्यायेतर हत्या, लोगों को गायब करना, ज्यादती और आम लोगों को लगातार निशाने पर लेना शामिल है. ये लोग शिक्षकों, छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, महिलाओं और बच्चों तक का लिहाज नहीं रख रहे.”
बीवाईसी ने अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी से गुजारिश की है कि वो बलूचिस्तान में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों का संज्ञान लें और उन्हें न्याय दिलाने के साथ ही जिम्मेदारों की जवाबदेही तय कराएं.
बलूचिस्तान में हो रहे अत्याचारों की ओर बलूच नेशनल मूवमेंट का ह्यूमन राइट्स डिपार्टमेंट लगातार ध्यान दिलाता रहा है.
पांक ने बताया कि 19 नवंबर को, ग्वादर जिले के पासनी इलाके के रहने वाले दो भाइयों, दोशाम्बे और मियां दाद को Pakistanी सिक्योरिटी फोर्स ने जबरदस्ती गायब कर दिया था.
Wednesday को, मानवाधिकार संगठन ने बताया कि Pakistanी सिक्योरिटी फोर्स ने दो बलूच नागरिकों की न्यायेतर हत्या कर दी.
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केआर/