![]()
कोयंबटूर, 20 नवंबर . Prime Minister Narendra Modi ने कोयंबटूर में आयोजित दक्षिण India प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन में किसानों के साथ हुई बातचीत का एक वीडियो Thursday को social media प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया. सम्मेलन के दौरान Prime Minister Narendra Modi ने केले के अवशेषों से बने कपड़े-बर्तन, मोरिंगा पाउडर, पारंपरिक चावल की सैकड़ों किस्में, सफेद चाय, जीआई टैग वाले पान के पत्ते और शहद जैसे उत्पाद देखकर काफी प्रभावित हुए.
उन्होंने किसानों के इनोवेशन, बाजार तक पहुंच और युवाओं के जुड़ाव की खुलकर सराहना भी की.
तमिलनाडु के कोयंबटूर में Wednesday को आयोजित दक्षिण India प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन-2025 में प्राकृतिक खेती कर रहे सैकड़ों किसानों से लंबी बातचीत की. Prime Minister सबसे पहले केले की खेती करने वाले किसानों के स्टॉल पर रुके. वहां केले के तने, पत्ते और रेशों से बने बैग, कपड़े, बर्तन और अन्य उत्पाद देखकर उन्होंने पूछा, “क्या ये पूरे India में ऑनलाइन बिकते हैं?”
किसान ने हां कहा और बताया कि उनके किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) में करीब एक हजार किसान जुड़े हैं. ये उत्पाद तमिलनाडु के अलावा पूरे देश के सुपरमार्केटों में और विदेशों में भी निर्यात होते हैं. Prime Minister ने पूछा कि क्या केले के साथ दूसरी फसलें भी ली जाती हैं तो किसानों ने बताया कि अलग-अलग इलाकों में अलग विशेष फसलें उगाई जाती हैं और कई जीआई टैग प्राप्त उत्पाद भी हैं.
इसके बाद Prime Minister नीलगिरि की मशहूर चाय के स्टॉल पर पहुंचे. किसान ने सफेद चाय, हरी चाय, काली चाय और ऊलोंग चाय के बारे में बताया. Prime Minister ने मुस्कुराते हुए कहा, “आजकल सफेद चाय का बहुत बड़ा बाजार बन रहा है.” किसान ने सहमति जताई.
मोरिंगा (सहजन) के स्टॉल पर Prime Minister ने पूछा कि क्या इसकी पत्तियों का पाउडर निर्यात होता है? किसान ने बताया कि मांग बहुत ज्यादा है और बड़े पैमाने पर विदेश भेजा जा रहा है.
तमिलनाडु के पारंपरिक धान और जीआई उत्पादों के स्टॉल पर किसानों ने बताया कि राज्य में करीब एक हजार पारंपरिक धान की किस्में संरक्षित हैं, जिनका पोषण मूल्य मोटे अनाज जितना ही है.
Prime Minister ने कहा, “धान के क्षेत्र में तमिलनाडु ने जो काम किया है, वह दुनिया में कहीं नहीं हुआ.” कुंभकोणम के पान के पत्ते और मदुरै की मोगरा चमेली देखकर उन्होंने हल्के अंदाज में पूछा, “वाराणसी वाले भी पान खाते हैं न?” किसानों ने हंसते हुए कहा, “जी बिल्कुल, पूरे देश में जाते हैं.”
एक युवा किसान ने बताया कि उन्होंने प्राकृतिक खेती से प्रतिमाह दो लाख रुपए तक की कमाई शुरू की है और अपने फार्म पर 7,000 किसानों व 3,000 कॉलेज छात्रों को ट्रेनिंग दी है. वे सीधे विदेशों में हेयर ऑयल, नारियल तेल और साबुन निर्यात करते हैं. Prime Minister ने खुशी जताई कि अब पीएचडी करने वाले युवा भी खेती की ओर आ रहे हैं.
मवेशी पालन पर बात करते हुए मोदी ने Gujarat के अपने पुराने प्रयोग की याद दिलाई. उन्होंने कहा, “हमने गांव में सभी गायों को एक जगह रखने का ‘गोशाला हॉस्टल’ शुरू किया था. इससे गांव साफ रहता है और गोबर से जीवामृत बनाकर किसानों में बांटा जाता है.” तमिलनाडु के किसानों ने बताया कि वे भी यही कर रहे हैं और बड़े पैमाने पर जैविक खाद बना रहे हैं.
इस मौके पर तमिलनाडु के Governor आर.एन. रवि और Union Minister डॉ. एल. मुरुगन भी मौजूद रहे. Prime Minister ने सभी किसानों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती ही भविष्य है और तमिलनाडु इसमें देश को रास्ता दिखा रहा है.
–
एसएचके/वीसी