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New Delhi, 19 नवंबर . Enforcement Directorate (ईडी) ने अल फलाह समूह के अध्यक्ष जावद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी ईडी की ओर से चल रही जांच के परिणामस्वरूप हुई, जिसमें अल फलाह समूह से संबंधित परिसरों की तलाशी के दौरान मिले साक्ष्यों की विस्तृत जांच की गई.
ईडी ने दिल्ली Police की अपराध शाखा की ओर से दर्ज दो First Information Report के आधार पर इस मामले की जांच शुरू की थी. इसके बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत जावद अहमद सिद्दीकी की गिरफ्तारी की गई है.
First Information Report में आरोप लगाया गया कि अल फलाह विश्वविद्यालय फरीदाबाद ने छात्रों, अभिभावकों और अन्य हितधारकों को धोखा देने के उद्देश्य से यूजीसी मान्यता के झूठे और भ्रामक दावे किए थे. इसके अतिरिक्त, यह भी आरोप है कि विश्वविद्यालय ने यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 12 (बी) के तहत अपनी मान्यता का फर्जी दावा किया, जबकि विश्वविद्यालय केवल एक राज्य निजी विश्वविद्यालय के रूप में सूचीबद्ध था और उस पर उस धारा के तहत अनुदान प्राप्त करने का कोई अधिकार नहीं था.
जांच में यह सामने आया कि अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट का गठन 1995 में किया गया था और जावद अहमद सिद्दीकी ट्रस्ट के प्रमुख ट्रस्टी और प्रबंध ट्रस्टी थे. ट्रस्ट की ओर से संचालित शैक्षणिक संस्थान जैसे विश्वविद्यालय और कॉलेज समय के साथ एक बड़े शैक्षिक समूह में तब्दील हो गए, हालांकि इसकी वृद्धि को पर्याप्त वित्तीय संसाधनों से समर्थन प्राप्त नहीं था.
बता दें कि 18 नवंबर को ईडी की तरफ से दिल्ली में 19 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें अल फलाह विश्वविद्यालय और ट्रस्ट के प्रमुख अधिकारियों के आवासीय परिसर भी शामिल थे. तलाशी के दौरान 48 लाख रुपए से अधिक की नकदी, कई डिजिटल उपकरण और दस्तावेजी साक्ष्य जब्त किए गए. जांच में यह भी सामने आया कि ट्रस्ट ने अपने परिवार के सदस्य के स्वामित्व वाली कंपनियों को ठेके दिए और करोड़ों रुपए का गबन किया.
ईडी की जांच से पता चला है कि जावद अहमद सिद्दीकी की भूमिका ट्रस्ट के वित्तीय संचालन और अपराध की आय के स्तरीकरण में महत्वपूर्ण थी. उसके खिलाफ कई उल्लंघनों और अपराधों के साक्ष्य मिले हैं. जावद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार कर 13 दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया गया है. ईडी अभी भी मामले की जांच कर रही है.
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एसएके/एबीएम