उत्तर प्रदेश: विदेशी पर्यटकों को भाया मैनपुरी का देहात, भांवत गांव ग्रामीण पर्यटन का वैश्विक मॉडल बना

Lucknow, 19 नवंबर . उत्तर प्रदेश के मैनपुरी का भांवत गांव अब सिर्फ एक गांव नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का नया आकर्षण बन चुका है. ग्रामीण पर्यटन परियोजना के तहत स्पेन से आए पर्यटकों ने गांव की जीवनशैली, संस्कृति और परंपराओं को जिस तरह करीब से जाना, उसने भांवत को वैश्विक मानचित्र पर नई पहचान दे दी है.

मैनपुरी जिले का भांवत गांव ग्रामीण पर्यटन का उभरता हुआ वैश्विक केंद्र बन गया है. ग्रामीण पर्यटन परियोजना के तहत स्पेन के तीन पर्यटक, फेरेस मरीन सैंड्रा, लूर्देस गिराल्डो रोड्रिग्ज, और सिंतिया बेलन बोनीनो, ने यहां के ग्रामीण जीवन, परंपराओं और कृषि आधारित गतिविधियों का अवलोकन किया. दौरे का नेतृत्व गांव के प्रतिनिधि विश्राम सिंह ने किया, जिन्होंने मेहमानों को ग्रामीण घरों, हस्तशिल्प, पारंपरिक भोजन, और गांव की सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराया.

विदेशी मेहमानों ने बिलौना विधि से माखन निकालना सीखा, कुम्हारों द्वारा मिट्टी के बर्तन बनाने की प्रक्रिया देखी और सिंघाड़ा खेती के बारे में जानकारी प्राप्त की. उन्होंने ऐतिहासिक जखदर महादेव मंदिर भी देखा, जहां स्वयंभू शिवलिंग और करीब 200 वर्ष पुराना पवित्र वृक्ष स्थित है. पर्यटकों का ठहराव ‘रोहित होमस्टे’ में हुआ, जिसे ग्रामीण पर्यटन योजना के तहत स्थानीय शैली में विकसित किया गया है. यहां के पारंपरिक भोजन और प्राकृतिक माहौल ने उन्हें भारतीय गांव की मौलिक अनुभूति कराई.

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि भांवत गांव सारस संरक्षण परिदृश्य का अहम हिस्सा है. यहां बने 10 हेक्टेयर के जलाशय में राज्य पक्षी सारस सहित अनेक प्रवासी पक्षी आते हैं. उन्होंने बताया कि भांवत सिंघाड़ा उत्पादन का प्रमुख केंद्र है और यहां की उपज दिल्ली की आजादपुर मंडी तक भेजी जाती है. ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 10 होमस्टे पंजीकृत किए गए हैं और मालिकों को कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान में पांच दिन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

मंत्री ने बताया कि ग्रामीण अनुभवों की लोकप्रियता बढ़ने से मैनपुरी में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. वर्ष 2023 में 18.72 लाख पर्यटक आए थे, जो 2024 में बढ़कर 20.04 लाख हो गए. वहीं 2025 की पहली छमाही में ही 6.92 लाख से अधिक पर्यटक मैनपुरी का दौरा कर चुके हैं. जिले के धार्मिक और पर्यटन स्थलों के पुनरुद्धार पर 27.35 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, जिसमें जाखौआ हनुमान मंदिर और पडरिया काली माता मंदिर समेत कई स्थलों का विकास शामिल है.

विकेटी/एएसएच