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Mumbai , 19 नवंबर . Actor विपिन शर्मा का नाम हिंदी सिनेमा के उन कलाकारों में आता है, जिन्होंने अपनी दमदार अदाकारी से दर्शकों के दिलों में जगह बनाई है. ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ और ‘तारे जमीन पर’ जैसी फिल्मों में अभिनय का हुनर दिखाने वाले विपिन शर्मा ने लगभग बारह साल तक Bollywood से दूरी बनाई. को दिए इंटरव्यू में उन्होंने इस लंबे ब्रेक और अपनी वापसी के बारे में बात की.
से बात करते हुए विपिन शर्मा ने बताया कि उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में शुरुआती काम करने के बाद लंबे समय तक अभिनय से ब्रेक लिया. लगभग 12 साल तक वह फिल्मों से दूर रहे. इस दौरान वे इंडस्ट्री का हिस्सा नहीं थे. उनका पहला काम वापस आने के बाद फिल्म ‘तारे जमीन पर’ था, जिसे दर्शकों और आलोचकों ने बेहद सराहा.
उन्होंने कहा, ”यह मेरे करियर का एक भावनात्मक और यादगार पल था. पहली फिल्म की शूटिंग हमेशा खास होती है, क्योंकि यह आपको महसूस कराती है कि आपका सफर फिर से शुरू हो गया है.”
इस 12 साल के अंतराल में विपिन शर्मा ने विदेश का रुख किया और वहां बतौर एडिटर के रूप में काम किया. उन्होंने कहा, ”यह अनुभव मेरे लिए कुछ नया सीखने वाला रहा. इंडस्ट्री में वापसी करना भी रोमांचक था. जब मैंने फिर से काम करना शुरू किया, तो हर चीज नई लग रही थी और पहला असाइनमेंट हमेशा के लिए यादगार बन गया.”
इन दिनों विपिन शर्मा ‘महारानी’ के चौथे सीजन की सफलता का आनंद ले रहे हैं. यह Political ड्रामा शो सोनी लिव पर 7 नवंबर से स्ट्रीम हो रहा है. इसमें Actress हुमा कुरैशी मुख्य भूमिका में हैं. इस शो के लिए उनका चुनाव किसी खास व्यक्ति से जुड़ा था.
इस बारे में उन्होंने बताया, ”मुझे यह रोल निर्माता सुभाष कपूर ने दिया. मैं लगभग पंद्रह साल से उनके संपर्क में था और उनके साथ काम करने की हमेशा से इच्छा रखता था, इसलिए जब मुझे इस भूमिका को निभाने के लिए कहा गया, तो मैंने तुरंत हां कर दी.”
विपिन शर्मा ने अपने अभिनय के तरीके के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, “नेगेटिव किरदार निभाते समय मेरा दृष्टिकोण अलग है. मैं कभी अपने अभिनय को लेकर ज्यादा सोचता नहीं हूं. मेरे लिए किरदार का पेशा, चाहे वह पॉलिटिशियन हो, डॉक्टर हो या वकील, महत्वपूर्ण नहीं होता. मैं हमेशा किरदार के अंदर छुपे इंसान को समझने की कोशिश करता हूं. जब उस इंसान की भावनाओं और मानसिकता का एहसास होता है, तो किरदार के सबसे कठिन पहलू को भी निभाना आसान हो जाता है.”
उन्होंने कहा कि उनका प्रयास हमेशा यही रहता है कि किरदार का इंसानी पहलू सामने आए.
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पीके/एबीएम