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Patna, 18 नवंबर . बिहार विधानसभा चुनावों में महागठबंधन की प्रमुख पार्टी कांग्रेस की करारी हार के कुछ दिनों बाद पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.
बिहार कांग्रेस ने पार्टी लाइन से भटकने, पार्टी विरोधी बयान देने और पार्टी की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालने जैसी गतिविधियों के लिए 43 पार्टी नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
यह नोटिस बिहार कांग्रेस की अनुशासन समिति की ओर से जारी किया गया था और जिन लोगों के नाम इसमें शामिल हैं, उनमें पूर्व मंत्री, विधायक और पूर्व पदाधिकारी शामिल हैं.
सभी को तीन दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया है, ऐसा न करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें छह साल तक के लिए पार्टी से निष्कासन भी शामिल है.
माना जा रहा है कि जिन नेताओं को नोटिस जारी किया गया है, उन सभी ने चुनाव के दौरान सार्वजनिक मंचों से ऐसे बयान दिए थे जो पार्टी और उसकी प्रतिष्ठा के लिए नुकसानदेह थे और चुनाव परिणामों पर भी असर डाला.
कांग्रेस अनुशासन समिति के एक बयान के अनुसार, सभी 43 नेताओं को 21 नवंबर तक समिति के समक्ष लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा गया है.
राज्य अनुशासन समिति के अध्यक्ष कपिल देव प्रसाद ने कहा, “यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर उनका स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होता है तो समिति कार्रवाई करने पर मजबूर होगी, जिसमें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासन भी शामिल है.”
जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें पूर्व मंत्री अफाक आलम, पूर्व प्रवक्ता आनंद माधव, पूर्व विधायक छत्रपति यादव, पूर्व मंत्री वीणा शाही, पूर्व विधान पार्षद अजय कुमार सिंह, पूर्व विधायक गजानंद शाही उर्फ मुन्ना शाही, सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी, बांका जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कंचना कुमारी, सारण जिला अध्यक्ष बच्चू कुमार बीरू और पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष राज कुमार राजन शामिल हैं.
समिति ने कहा कि पार्टी का अनुशासन और एकता सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसे या इसके सिद्धांतों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति से गंभीरता से निपटा जाएगा.
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एसएके/डीकेपी