झारखंड के पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता पर लगे गंभीर आरोपों की उच्चस्तरीय जांच हो : बाबूलाल मरांडी

रांची, 18 नवंबर . Jharkhand भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति और उनके कार्यकाल को लेकर एक बार फिर राज्य Government पर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अनुराग गुप्ता के निलंबन, पुनर्बहाली, डीजीपी पद पर नियुक्ति, सेवा विस्तार और बाद में त्यागपत्र लेने तक की पूरी प्रक्रिया पर Government को स्पष्ट जवाब देना चाहिए.

मरांडी ने आरोप लगाया कि पूर्व आईपीएस अधिकारी पर वसूली, अवैध उत्खनन, तस्करी और रंगदारी जैसे मामलों में संलिप्तता की शिकायतें सामने आती रही हैं, लेकिन Government ने अब तक उनके कार्यकाल की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच नहीं कराई.

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि शराब घोटाले के संबंध में उन्होंने Chief Minister को पहले ही लिखित रूप से अवगत कराया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. बाद में सीबीआई की जांच के दौरान वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय चौबे की गिरफ्तारी हुई, लेकिन अनुराग गुप्ता के एसीबी के डीजी रहते हुए 90 दिनों तक चार्जशीट दाखिल नहीं हुई और इस वजह से इस मामले में आईएएस को जमानत मिल गई.

उन्होंने आरोप लगाया कि अवैध कफ सिरप की तस्करी को लेकर राज्य Government ने गंभीरता नहीं दिखाई और जब Gujarat की टीम ने कार्रवाई की तो अनुराग गुप्ता ने सीआईडी जांच के नाम पर हस्तक्षेप किया.

मरांडी का दावा है कि गुप्ता के कार्यकाल में सीआईडी और एसआईटी से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज कार्यालय से हटाए गए. उन्होंने कहा कि राज्य में संगठित अपराध से जुड़े कुछ मामलों में भी पूर्व डीजीपी की भूमिका को लेकर सवाल उठे हैं, जिनकी जांच आवश्यक है.

उन्होंने आरोप लगाया कि गुप्ता अलग-अलग स्थानों से Political दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. यदि Government भ्रष्टाचार पर सख्त होती तो बिहार की तर्ज पर अवैध संपत्ति जब्ती का कानून लागू किया जाता, परंतु ऐसा नहीं हुआ. अधिकारियों को कानूनसम्मत कार्य करना चाहिए, अन्यथा जांच की स्थिति में वे भी मुश्किल में पड़ सकते हैं.

एसएनसी/एसके