‘कर्नाटक सरकार तुमकूरु मेट्रो विस्तार पर अडिग’, मंत्री ने तेजस्वी सूर्या की आलोचना को बताया आधारहीन

Bengaluru, 18 नवंबर कर्नाटक के गृह मंत्री और तुमकूरु जिला प्रभारी मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने मदावरा (Bengaluru) से तुमकूरु शहर तक प्रस्तावित 59.6 किमी मेट्रो कॉरिडोर के लिए डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करने हेतु टेंडर जारी करने के फैसले का जोरदार बचाव किया है. उन्होंने कहा कि BJP MP तेजस्वी सूर्या द्वारा इस परियोजना का विरोध करना “परियोजना के तथ्यों की जानकारी न होने” का परिणाम है.

मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, “तेजस्वी सूर्या ने Bengaluru से तुमकूरु तक मेट्रो विस्तार का विरोध किया है. संभव है कि उन्हें पूरी जानकारी न हो. प्रतिदिन हजारों लोग तुमकूरु से Bengaluru यात्रा करते हैं. नेलमंगल, डबसपेट और क्यात्तानद्रा जैसे क्षेत्रों में तेजी से विकास हो रहा है.”

उन्होंने कहा कि Bengaluru पर बिजली और परिवहन का दबाव लगातार बढ़ रहा है. इन्हीं चुनौतियों के कारण लोग आसपास के शहरों में बस रहे हैं. तुमकूरु में 70,000 एकड़ क्षेत्र में एशिया का सबसे बड़ा औद्योगिक हब है, जहां 150 से अधिक उद्योग स्थापित हो चुके हैं. जापानी टाउनशिप के लिए भी भूमि आवंटित की जा चुकी है.

परमेश्वर ने आगे कहा कि Bengaluru का बोझ कम करने के लिए मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम आवश्यक है. रामनगर, कोलार और तुमकूरु जैसे पड़ोसी शहरों के विकसित होने से Bengaluru पर दबाव घटेगा.

मंत्री के अनुसार, मेट्रो विस्तार का विचार दो-तीन साल पहले सामने आया था. Chief Minister ने इसे विचार करने और व्यवहार्यता अध्ययन कराने का आश्वासन दिया था. रिपोर्ट सकारात्मक आई. इसके बाद सभी हितधारकों के साथ बैठक कर डीपीआर तैयार करने की मंजूरी दी गई. डीपीआर तैयार होने के बाद बजट और संसाधन जुटाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे.

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि कई कंपनियां पीपीपी मॉडल के तहत निवेश में रुचि दिखा रही हैं. कुछ कंपनियों ने कहा कि अगर परियोजना लागत 20,000 करोड़ रुपये है तो वे पूरी राशि निवेश करने को तैयार हैं. मध्य पूर्व और कतर की एक कंपनी ने भी रुचि दिखाई है.

परमेश्वर ने आश्चर्य जताते हुए कहा, “इस पृष्ठभूमि को समझे बिना तेजस्वी सूर्या ने ऐसे बयान क्यों दिए, समझ से परे है. यह Political प्रतिस्पर्धा का विषय नहीं बल्कि राज्य के विकास का सवाल है.”

उन्होंने हालांकि तेजस्वी सूर्या या भाजपा को ‘विकास-विरोधी’ बताने से इंकार किया. उन्होंने कहा, “मैं नहीं कहूंगा कि वे विकास के खिलाफ हैं. लोगों का निर्णय उनके व्यवहार के आधार पर होगा.

डीएससी