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रांची, 18 नवंबर . रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में शराब और GST घोटाले के आरोपी कैदियों का डांस करते हुए वीडियो वायरल होने के मामले में Jharkhand हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर Tuesday को सुनवाई की. इस दौरान राज्य के जेल आईजी व्यक्तिगत तौर पर सशरीर उपस्थित रहे.
अदालत ने जेल के भीतर गंभीर मामलों के कैदियों की डांस पार्टी को शर्मनाक बताते हुए राज्य Government को मौखिक तौर पर निर्देश दिया कि दो दिनों के भीतर जेल में नियमित जेल अधीक्षक (रेगुलर जेल सुपरिटेंडेंट) की नियुक्ति करें.
चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जेल में स्थायी पदाधिकारी के न होने से व्यवस्था संबंधी बड़े प्रश्न खड़े होते हैं.
सुनवाई के दौरान अदालत ने जेल प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के स्पष्ट निर्देश भी दिए कि किसी भी परिस्थिति में कैदियों तक मोबाइल फोन, चार्जर या किसी भी प्रकार की नशीली वस्तु न पहुंचे. हाईकोर्ट ने झालसा और Police प्रशासन को भी समय-समय पर औचक निरीक्षण (सरप्राइज इंस्पेक्शन) करने का निर्देश जारी किया है.
सुनवाई के दौरान अदालत ने टिप्पणी की कि एक अति-संवेदनशील स्थान में गंभीर आरोपियों को इस तरह की गतिविधियों की अनुमति कैसे मिली और वीडियो के बाहर आने से स्पष्ट है कि जेल के भीतर मोबाइल फोन का उपयोग हो रहा था.
इससे पहले 14 नवंबर की सुनवाई में हाईकोर्ट ने जेल की व्यवस्था पर कई सवाल उठाए थे और जेल आईजी को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया था. अदालत ने जेल परिसर के cctv डीवीआर को भी पेश करने का आदेश दिया था.
राज्य Government की ओर से पेश अधिवक्ता ने अदालत को जानकारी दी थी कि वीडियो सामने आने के बाद जेल विभाग ने कार्रवाई करते हुए जेलर देवनाथ राम और जमादार विनोद यादव को निलंबित कर दिया है. जांच में यह सामने आया कि डांस की घटना जेल परिसर के एक विशेष हॉल में हुई थी.
वायरल वीडियो में दिखे कैदी विधु गुप्ता और सिद्धार्थ सिंघानिया शराब एवं GST घोटाले के आरोपी थे और उस समय जेल में बंद थे. अदालत ने कहा कि इस तरह की घटनाएं जेल प्रशासन की गंभीर विफलता को दर्शाती हैं और किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं हैं. मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी को होगी.
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एसएनसी/एसके