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New Delhi, 18 नवंबर . दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में भारी बिकवाली देखी जा रही है, जिससे यह Tuesday को छह महीनों के निचले स्तर करीब 90,000 डॉलर के आसपास करोबार कर रहा है.
क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि बिटकॉइन ने 2025 में आई पूरी तेजी को खो दिया है और यह अक्टूबर के अपने उच्चतम स्तर 1,26,000 डॉलर से करीब 30 प्रतिशत फिसल चुका है.
गिरावट के कारण बिटकॉइन का मार्केटकैप फिर से 2 ट्रिलियन डॉलर के नीचे आ गया है.
गिओटस डॉट कॉम के सीईओ विक्रम सुब्बुराज ने कहा कि बिटकॉइन में गिरावट का सिलसिला जारी है और इसने 2025 में हुई पूरी तेजी को खो दिया है. गिरावट का दबाव डेरिवेटिव्स से लेकर एक्सचेंज-ट्रेडेड प्रोडक्ट्स (ईटीएफ) पर देखा जा रहा है. इस कारण बिटकॉइन ईटीएफ में आउटफ्लो बढ़कर 815 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया है, जिससे इस हफ्ते ईटीएफ आउटफ्लो 2 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.
सुब्बुराज ने आगे कहा कि मजबूत मैन्युफैक्चरिंग डेटा से दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम हो गई है, जिससे निवेशक सर्तक हो गए हैं और अमेरिका में शटडाउन समाप्त होने के बाद भी बिटकॉइन में बिकवाली बनी हुई है.
बिटकॉइन में गिरावट से अन्य क्रिप्टोकरेंसी में भी गिरावट देखी जा रही है. इथेरियम 3,000 डॉलर से नीचे फिसल गया, सोलाना में इस हफ्ते 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, और एक्सआरपी में 16 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. कुल क्रिप्टो बाजार पूंजीकरण में साप्ताहिक आधार पर लगभग 6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.
पीआई 42 के सीईओ और सह-संस्थापक अविनाश शेखर ने कहा कि ईटीएफ आउटफ्लो, बड़े निवेशकों की शॉर्ट-पॉजिशन और कम होती लिक्विडिटी ने नियमित गिरावट को एक बड़ी गिरावट में बदल दिया है.
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एबीएस/