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New Delhi, 18 नवंबर . 58 प्रतिशत से अधिक वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) अब एआई पायलेट से आगे बढ़कर काम कर रहे हैं, जिसके साथ India में इस सेक्टर में वर्कफोर्स के 2030 तक 3.46 मिलियन के आंकड़े को छूने का अनुमान है. Tuesday को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, इससे करीब 1.3 मिलियन नए जॉब रोल पेश होंगे.
टेक्नोलॉजी एंड डिजिटल टैलेंट सॉल्यूशन प्रोवाइडर एनएलबी सर्विसेज के अनुसार, इस वर्ष 2025 में करीब 70 प्रतिशत जीसीसी पहले से ही जेनेरेटिव एआई (जेनएआई) में निवेश कर रहे हैं, जबकि 60 प्रतिशत जीसीसी 2026 तक एक डेडिकेटेड एआई सेफ्टी और गवर्नेंस टीम को सेट अप करने की योजना में हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि India में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस गवर्नेंस देश के जीसीसी में तेजी से संस्थागत हो रहे हैं.
अनुमान है कि इसका एक महत्वपूर्ण प्रभाव 2026 में नौकरियों पर नजर आएगा, जहां अवसरों में 11 प्रतिशत की बढ़त देखी जाएगी और सेक्टर में लोगों की संख्या 24 लाख हो जाएगी.
एनएलबी सर्विसेज के सीईओ सचिन अलुग ने कहा, “India अपनी जीसीसी 4.0 यात्रा को लेकर एक क्रिटिकल इंटरसेक्शन पर है, जहां देश स्केल, स्किल और टैलेंट का एक यूनिक तालमेल बना रहा है. आज के समय में जीसीसी न केवल एआई को एक्स्प्लोर कर रहे हैं बल्कि कई लोग इसे डिप्लॉय कर चुके हैं और कई इसे डिप्लॉय करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.”
33 प्रतिशत जीसीसी ने सेंट्रल एआई कमेटी और सीओई तैयार कर लिए हैं. वहीं, 29 प्रतिशत जीसीसी ऑडिट और कंप्लायंस फ्रेमवर्क के तहत बिजनेस यूनिट के जरिए ओवरसाइट को मैनेज कर रहे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, लोअर अट्रिशन रेट, ऑफिस कॉस्ट और टैलेंट कॉस्ट लाभों को लेकर टियर-II और III को टियर-1 मेट्रो शहरों के मुकाबले अधिक प्राथमिकता दी जा रही है, जो कि India के जीसीसी मैप को लेकर एक बड़े भौगोलिक शिफ्ट को दर्शाता है.
मजबूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, टैलेंट पाइपलाइन और एआई पर केद्रिंत पहलों की वजह से प्रगतिशील राज्य नीतियां India में जीसीसी के विस्तार को बढ़ाने में अहम योगदान दे रही हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीसीसी पायलेट से फुल-स्केल एआई-ड्रिवन ऑपरेशन की बढ़ रहे हैं, जिसके साथ अगले पांच वर्षों में India एआई इंजीनियरिंग, एनालिटिक्स और गवर्नेंस एक्सीलेंस के ग्लोबल हब के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करता नजर आएगा.
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एसकेटी/