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Patna, 18 नवंबर . बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर Tuesday को पहली बार मीडिया के सामने आए और स्पष्ट कर दिया कि वे बिहार छोड़ने वाले नहींहैं.. उन्होंने कहा कि अब सलाह नहीं संघर्ष करने के समय आ गया है.
Patna में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि हम लोगों ने अपनी बात ठीक ढंग से जनता को नहीं बताई. उस कारण शायद जनता ने वोट नहीं दिया. खुद पर इसकी जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने कहा कि वे जिस विश्वास की उम्मीद कर रहे थे, वह विश्वास नहीं जीत पाए.
उन्होंने कहा कि यह आत्मचिंतन का समय है. उन्होंने एनडीए को जीत के लिए बधाई देते हुए कहा कि अब यह उनकी जिम्मेदारी है कि जिन बातों को लेकर वे सत्ता में आये हैं, उस पर वह काम करें.
उन्होंने कहा कि जिन बातों को लेकर वह जनता के बीच पहुंचे थे और उनको एक सपना दिखाया था, उसे वे पूरा नहीं कर सके. इसके प्रायश्चित के तौर पर वे 20 नवंबर को भितिहरवा आश्रम में एक दिन का मौन सामूहिक उपवास रखेंगे.
उन्होंने कहा कि गलती हम लोगों से हुई होगी, लेकिन गुनाह नहीं किया है. वोट नहीं मिलना गुनाह नहीं है. आज झटका लगा है लेकिन उन गलतियों को सुधार कर हमलोग फिर से खड़े होंगे. जन सुराज की बिहार सुधारने की जो जिद है, वह पूरे किए बिना छोड़ने वाले नहीं हैं. पीछे हटने का सवाल ही नहीं है.
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि चुनाव के समय Government ने करीब 40 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का वादा किया है और वही एक कारण है कि जनता को इतना बड़ा बहुमत मिला है. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि 10 हजार रुपए के लिए वोट नहीं बेचा.
बिहार के प्रत्येक विधानसभा में 60 से 62 हजार महिलाओं को स्वरोजगार के लिए पहली किस्त के तौर पर 10 हजार रुपये दिए गए. आने वाले छह महीने में इन्हें दो लाख रुपए दिए जाएंगे. उन्होंने Government से आग्रह करते हुए कहा कि Government अगले छह महीने में इन महिलाओं को दो लाख रुपये दे, जिससे बिहार में पलायन रुक सके. जिन महिलाओं को यह दो लाख रुपये की राशि नहीं मिलती है, वह जन सुराज से संपर्क करें और वे उसकी मदद करेंगे.
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एमएनपी/एएस