राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने देश भर में लगभग 95 फीसदी चुनाव हारे: राम कदम

Mumbai , 18 नवंबर . Maharashtra से भाजपा नेता राम कदम ने कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा के उस बयान पर जोरदार पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली करारी हार के बाद चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए.

राम कदम ने कहा कि हार के बाद आत्मचिंतन करने की जरूरत होती है, लेकिन यहां तो हारने के बाद सिर्फ आरोप लगाए जाते हैं, सच्चाई यह है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस 2014 के बाद लगभग 95 फीसदी चुनाव हार चुकी है.

भाजपा नेता राम कदम ने रॉबर्ट वाड्रा को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये वही रॉबर्ट वाड्रा हैं, जिन्हें कांग्रेस की सत्ता में वापसी से सबसे ज्यादा फायदा होता है. उनके खिलाफ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी से जुड़े कई मामले अभी भी ईडी और सीबीआई में लंबित हैं. रॉबर्ट वाड्रा बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा दिया गया पवित्र संविधान का अपमान कर रहे हैं. वे बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद आत्मचिंतन करने की बजाए दोबारा चुनाव कराने का सुझाव दे रहे हैं. ऐसा सुझाव संविधान का सीधा अपमान है.

राम कदम ने कहा कि जहां हारे, वहां दोबारा चुनाव कराओ, लेकिन जहां जीते, वहां चुप्पी क्यों? कर्नाटक में जीते तो चुनाव आयोग ठीक, और जहां हारे वहां आयोग गलत? स्पष्ट कहें, जहां इनकी Government है, वहां आयोग की धांधली नहीं है और जहां हार गए, वहां धांधली है? यह दोहरा मापदंड बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

भाजपा नेता ने कहा कि बिहार की जनता ने जंगलराज को नकार दिया, राहुल गांधी को नकार दिया. राहुल गांधी और उनकी कंपनी ने जिस तरह Lok Sabha में झूठा भ्रम फैलाया, विधानसभा में भी वही झूठ बोला. राम कदम ने कहा कि Lok Sabha में जनता भ्रमित हुई. लेकिन, राहुल गांधी और इनकी कंपनी क्या जनता को मूर्ख समझते हैं, ये अब कतई मंजूर नहीं है.

उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा को सलाह दी है कि इस तरह के बयान देने से पहले हार का आत्मचिंतन करना चाहिए.

राहुल गांधी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह समझना जरूरी है कि 2014 के बाद से राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने देश भर में लगभग 95 फीसदी चुनाव हारे हैं. ये उनके कर्मों का फल है. झूठ और धोखे का पुलिंदा ज्यादा दिन नहीं टिकता. हार के कारणों पर आत्मचिंतन करने के बजाय अब वे चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं.

डीकेएम/