भारत के साथ व्यापार समझौता ‘जल्द’ हो सकता है : व्हाइट हाउस आर्थिक सलाहकार

वाशिंगटन, 18 नवंबर . अमेरिका के व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने Monday को कहा कि India के साथ व्यापार समझौता जल्दी ही हो सकता है.

सीएनबीसी से बात करते हुए उन्होंने बताया कि India और अमेरिका अच्छे मित्र हैं और ट्रंप प्रशासन इस समझौते को लेकर अभी भी बहुत आशावान है.

उन्होंने कहा, “हम आशावान हैं. India हमारा मित्र देश है और हम उम्मीद करते हैं कि बात जल्दी बन जाएगी.”

हैसेट ने यह भी कहा कि मामला थोड़ा जटिल है, क्योंकि India के रूस के साथ भी घनिष्ठ संबंध हैं. भारत–अमेरिका रिश्तों में कई तरह के पहलू हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो जाती है.

उधर, इसी दिन India के वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने भी संकेत दिए कि व्यापार समझौता लगभग अंतिम चरण में है.

अग्रवाल ने दिल्ली में पत्रकारों को बताया कि दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर नियमित रूप से ऑनलाइन बैठकें कर रहे हैं. भले ही कोई तय समय सीमा नहीं है, लेकिन बातचीत का पहला चरण तेज़ी से आगे बढ़ रहा है.

पिछले सप्ताह अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप ने भी भारत–अमेरिका संबंध मजबूत करने पर सकारात्मक संकेत दिए थे. इससे उम्मीद बढ़ी है कि दोनों बड़े लोकतांत्रिक देशों के बीच व्यापार समझौता जल्द हो सकता है.

ट्रंप ने Thursday को व्हाइट हाउस में पत्रकारों को बताया कि भारतीय Prime Minister Narendra Modi के साथ उनकी बातचीत “बहुत अच्छी” चल रही है और अगले साल दिल्ली की उनकी यात्रा हो सकती है

Monday को ट्रंप ने यह भी कहा कि वे India पर लगाये गए शुल्क भविष्य में कम कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि India के साथ ऐसा समझौता बनने के काफी करीब हैं, जो सभी के लिए लाभकारी होगा.

हालांकि India के कुछ अधिकारी समझौते को लेकर आशावान हैं, लेकिन वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट किया कि India अन्य देशों के साथ होने वाले व्यापार समझौतों में किसानों, डेयरी क्षेत्र और श्रमिकों के हितों से समझौता नहीं करेगा.

उन्होंने कहा कि India एक न्यायसंगत और संतुलित व्यापार समझौता चाहता है और इसका समय दोनों देशों की तैयारी पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा कि व्यापार समझौता कल भी हो सकता है, अगले महीने भी या अगले वर्ष भी… Government हर स्थिति के लिए तैयार है.

इसी बीच, India अमेरिका से तेल और गैस की खरीद भी बढ़ा रहा है, ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन बेहतर हो सके.

एएस/