दिल्ली दंगा मामला: सुप्रीम कोर्ट में फिर शुरू होगी उमर खालिद-शरजील इमाम की जमानत पर सुनवाई

New Delhi, 17 नवंबर . Supreme court Tuesday को 2020 के उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश के आरोपी छात्र नेताओं उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा और अन्य कार्यकर्ताओं की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई फिर से शुरू करने वाला है.

ये सभी छात्र नेता कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत सलाखों के पीछे हैं.

सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर प्रकाशित कॉजलिस्ट के अनुसार, जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ 18 नवंबर को दिल्ली Police का प्रतिनिधित्व करने वाले विधि अधिकारियों की दलीलें सुनेगी.

उमर खालिद और शरजील इमाम की जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए दिल्ली Police ने Supreme court के समक्ष दायर एक विस्तृत जवाबी हलफनामे में कहा कि दोनों छात्र कार्यकर्ताओं ने 2020 के दिल्ली दंगों के पीछे की साजिश को पूर्व नियोजित और सावधानीपूर्वक समन्वित किया था.

दिसंबर 2019 के बाद से उनकी गतिविधियों को जोड़ने वाली चैट, गवाहों के बयान और कॉल रिकॉर्ड का हवाला देते हुए हलफनामे में उमर खालिद को प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक और शरजील इमाम सहित अन्य लोगों के लिए संरक्षक के रूप में वर्णित किया गया है, जो छात्रों को जुटाने, विरोध नेटवर्क बनाने और प्रदर्शन स्थलों का चयन करने के लिए कथित रूप से हिंसक हो गए.

दिल्ली Police के अनुसार, यह साजिश उस समय रची गई थी जब अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप India की आधिकारिक यात्रा पर आने वाले थे. यह सब इसलिए किया गया था ताकि अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान खींचा जा सके और सीएए के मुद्दे को दुनियाभर में बड़ा मामला बनाकर दिखाया जा सके, जैसे कि India में मुस्लिम समुदाय पर कोई बड़ा हमला हुआ हो.

सीएए को जानबूझकर मुद्दा बनाया गया जिसे “शांतिपूर्ण प्रदर्शन” के नाम पर लोगों को भड़काने (रेडिकलाइज करने) के लिए इस्तेमाल किया जा सके.

हलफनामे में शरजील इमाम को उमर खालिद की देखरेख में काम करने वाला बड़ा साजिशकर्ता बताया गया है और कहा गया है कि 13 दिसंबर से 20 दिसंबर 2019 के बीच दिल्ली में हुई पहली फेज की गड़बड़ियों को उसी ने आयोजित किया.

इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने शरजील इमाम, उमर खालिद और 2020 के दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश वाले केस में शामिल कई अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं.

पीएसके/वीसी