दिल्ली: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू से मिले असदुद्दीन ओवैसी, उम्मीद पोर्टल समेत कई मुद्दों पर की बात

New Delhi, 17 नवंबर . ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने राजधानी दिल्ली में Monday को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य एवं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने Union Minister से उम्मीद पोर्टल पंजीकरण की समय सीमा बढ़ाने की मांग की.

Union Minister किरेन रिजजू ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि New Delhi स्थित अपने आवास पर सांसद असदुद्दीन ओवैसी, मालेगांव विधायक मुफ्ती इस्माइल साहब और Maharashtra के एडवोकेट मोमिन मुजीब साहब से मुलाकात की. अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं के प्रस्ताव और उम्मीद पोर्टल पंजीकरण की समयसीमा बढ़ाने संबंधी पत्र प्राप्त हुआ.

दरअसल, वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए बनाए गए उम्मीद पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की समय सीमा बढ़ाने की मांग उठी है. फिलहाल, यह तारीख 5 दिसंबर 2025 है. इससे पहले शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने केंद्र Government से यह गुहार लगाई कि रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख को एक साल आगे बढ़ाया जाए. मौलाना ने लोगों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपनी वक्फ संपत्तियों को इस पोर्टल पर रजिस्टर कराएं ताकि वे सुरक्षित रहें. उन्होंने खासकर ग्रामीण और छोटे कस्बों के लोगों से कहा कि अगर उनकी मस्जिदें, इमामबाड़े, कब्रिस्तान या दरगाहें वक्फ बोर्ड में दर्ज नहीं हैं तो उन्हें उम्मीद पोर्टल पर जरूर दर्ज कराएं.

बता दें कि इस साल जून में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने ‘उम्मीद’ (एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास) पोर्टल लॉन्च किया था. यह पोर्टल देश भर की वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और डिजिटल बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है.

डिजिटल इंडिया पहल के तहत शुरू किए गए इस पोर्टल के माध्यम से अब सभी वक्फ बोर्डों की संपत्तियों का निर्धारित समय सीमा के भीतर पंजीकरण किया जाएगा. यह कदम वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन को सशक्त, प्रभावी और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम पहल है.

रिजिजू ने बताया कि देश में 9 लाख से अधिक वक्फ संपत्तियां हैं. आने वाले समय में इन सभी का पंजीकरण इस पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा. उन्होंने कहा, “हमने अधिनियम के अनुसार एक निश्चित समय सीमा तय की है, जिसमें संपत्तियों का पंजीकरण होना है. प्रक्रिया पूरी तरह स्पष्ट और सुविधाजनक है. इसमें किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी और सब कुछ पारदर्शी रहेगा. मैं सभी राज्य Governmentों और वक्फ बोर्डों से अपील करता हूं कि वे तय समय सीमा का कड़ाई से पालन करें.”

एमएस/