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जम्मू, 17 नवंबर . पूर्व डीजीपी शेष पॉल वैद (एसपी वैद) ने दिल्ली ब्लास्ट और आतंकवाद को लेकर से बातचीत में कहा कि इसमें कोई नई बात नहीं है. उनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पिछले साढ़े तीन दशक से जारी है. पहले पूरे India में इसी तरह के हादसे होते थे, जैसे Mumbai में बम ब्लास्ट और दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट, लेकिन 2014 के बाद ऐसी घटनाओं में कमी आई थी.
उन्होंने बताया कि दिल्ली ब्लास्ट के पीछे Pakistan को प्रोत्साहन मिला है. उन्होंने कहा कि जब अमेरिकी President डॉनल्ड ट्रंप Pakistan के जनरल आसिफ मुनीर को लंच पर बुलाते हैं तो ऐसे लोग इसे हौसला मानते हैं. ये वही लोग हैं जो आतंकवाद फैलाना चाहते हैं और चीन पहले से उनके साथ है.
वैद ने कहा कि Pakistan इस ब्लास्ट से India को सबक सिखाना चाहता था. ये घटना बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा थी, जिसे समय रहते नाकाम किया गया. हालांकि, इस बीच डॉक्टर उमर ने एक घटना को अंजाम दिया, क्योंकि उसने देखा कि उसके बाकी साथी पकड़े जा चुके हैं.
उन्होंने कहा कि इस घटना का पूरा पर्दाफाश होगा और पीछे जो लोग हैं, उन्हें India सबक सिखाएगा ताकि भविष्य में कोई भी ऐसी हिम्मत न करे. वैद ने यह भी कहा कि आतंकवाद का यह खेल पुराना है और इसे रोकने के लिए सतर्क रहना बहुत जरूरी है.
बता दें कि दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट में 10 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. जांच में Haryana के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम सामने आया. बताया जा रहा है कि यूनिवर्सिटी के हॉस्पिटल में काम करने वाले कुछ डॉक्टर देशभर में धमाके करने की साजिश रच रहे थे. धमाके के बाद से कुछ डॉक्टर गायब भी हो गए हैं.
इस घटना को आतंकवादी हमला बताया जा रहा है, क्योंकि इससे पहले कश्मीर के डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया था जो आतंकवादी संगठन की विचारधारा के समर्थक और उसके सदस्य थे.
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पीआईएम/डीकेपी