बस्तर बदला: सीएम विष्णु देव साय ने ‘पंडुम कैफे’ का किया शुभारंभ

बस्तर, 17 नवंबर . कभी नक्सल हिंसा से जूझते रहे बस्तर में अब हालात बदल रहे हैं. इसी सकारात्मक परिवर्तन का प्रमाण है जगदलपुर में शुरू हुआ ‘पंडुम कैफे’, जिसका शुभारंभ Monday को Chief Minister विष्णु देव साय ने किया. यह कैफे राज्य की पुनर्वास नीति की वह मिसाल है, जहां आत्मसमर्पित Naxalite और Naxalite हिंसा के पीड़ित युवा सम्मानजनक आजीविका के साथ नई जिंदगी की ओर बढ़ रहे हैं.

छत्तीसगढ़ Government की नक्सल पुनर्वास नीति, Prime Minister Narendra Modi और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में चल रही ‘नक्सल-मुक्त भारत’ की रणनीति और बस्तर में लागू नियाद नेल्लनार योजना ने आत्मसमर्पण और पुनर्वास की प्रक्रिया को पहले से अधिक तेज और प्रभावी बनाया है. परिणामस्वरूप, बस्तर में ऐसे कई युवा सामने आए हैं, जो संघर्ष के रास्ते को छोड़कर समाज से जुड़ने के लिए तैयार हैं.

इन्हीं युवाओं को जिला प्रशासन और Police द्वारा कैफे प्रबंधन, ग्राहक सेवा, स्वच्छता, खाद्य सुरक्षा और बुनियादी आतिथ्य कौशल का प्रशिक्षण दिया गया है. Monday को ‘पंडुम कैफे’ में काम करने वाले फगनी, पुष्पा, आशमती, प्रेमिला और बीरेंद्र जैसे युवा कभी हिंसा के दायरे में थे, लेकिन अब वही लोग मुस्कान और संवाद के माध्यम से शांति की तरफ बढ़ने वाले चेहरों के रूप में पहचाने जा रहे हैं.

Chief Minister विष्णु देव साय ने कैफे के उद्घाटन के दौरान इन युवाओं से बातचीत की और कहा कि ‘पंडुम कैफे’ बस्तर में नक्सलवाद के घटते प्रभाव और बढ़ते विश्वास का प्रतीक है. यह केवल एक उद्यम नहीं, बल्कि राज्य Government के उस संकल्प का हिस्सा है जो बस्तर को भय से भरोसे की ओर आगे बढ़ाता है.

‘पंडुम’ बस्तर की पारंपरिक संस्कृति को दर्शाता है, और कैफे की टैगलाइन ‘जहां हर कप एक कहानी कहता है’ इन युवाओं की वास्तविक यात्रा को सामने लाती है—जहां हर कप कॉफी उनके संघर्ष, आत्मसम्मान, और नए जीवन की कहानी कहता है.

हिंसा का मार्ग छोड़कर शांति के पथ पर लौटे और कैफे में कार्यरत एक महिला ने इस अवसर पर भावुक होकर इस पुनर्वास पहल से हुए बदलाव की बात दोहराई. एक पूर्व माओवादी कैडर ने कहा कि हमने अपने अतीत में अंधेरा देखा था. आज हमें समाज की सेवा करने का यह अवसर मिला है; यह हमारे लिए एक नया जन्म है. बारूद की जगह कॉफी परोसना और अपनी मेहनत की कमाई से जीना, यह एहसास हमें शांति और सम्मान दे रहा है.

एक अन्य सहयोगी ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि पहले हम अपने परिवार को सम्मानजनक जीवन देने का सपना भी नहीं देख सकते थे. अब हम अपनी मेहनत से कमाए पैसों से घर के सदस्यों का भविष्य संवार सकते हैं. यह सब प्रशासन और इस कैफे की वजह से संभव हुआ है.

एक अन्य सदस्य ने समुदाय के सहयोग पर जोर देते हुए कहा कि, हमें लगा था कि मुख्यधारा में लौटना आसान नहीं होगा, लेकिन Police और जिला प्रशासन ने हमें प्रशिक्षण दिया और हमारा विश्वास जीता. सबसे बड़ी बात यह है कि हम अब पीड़ितों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जिससे हमें अपने अतीत के अपराधों को सुधारने और शांति स्थापित करने का अवसर मिला है.

एएसएच/डीकेपी