![]()
New Delhi, 17 नवंबर . बांग्लादेश की अपदस्थ Prime Minister और अवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना को मानवता के विरुद्ध अपराध का दोषी बताते हुए आईसीटी ने सजा ए मौत का ऐलान किया. 17 नवंबर को ही वर्षों पहले शेख हसीना का निकाह हुआ था. जीवन के खास दिन पर ही उन्हें सबसे बुरी खबर मिली.
बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (आईसीटी) की तीन सदस्यीय पीठ ने Monday दोपहर को ये फैसला सुनाया.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, शेख हसीना ने 1967 में शेख मुजीब के जेल में रहने के दौरान अपनी मां फजीलतुन नेसा की देखरेख में प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक एम.ए. वाजेद मिया से शादी की थी. बांग्लादेश टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, फजीलतुन नेसा ने जल्दबाजी में इस जोड़े के निकाह की व्यवस्था की थी.
शेख हसीना और एम.ए. वाजेद मिया के दो बच्चे हैं, सजीब वाजेद जॉय और साइमा वाजेद पुतुल. सजीब वाजेद जॉय का जन्म 27 जुलाई, 1971 को और साइमा वाजेद पुतुल का जन्म 9 दिसंबर, 1972 को हुआ था.
शेख हसीना अब तक पांच बार Prime Minister रह चुकी हैं. उन्होंने पहली बार 1996 से 2001 तक Prime Minister के रूप में कार्य किया. इसके बाद 2009 से 2014 तक दूसरी बार, 2014 से 2019 तक तीसरी बार, 2019 से 2024 तक चौथी बार और 2024 में पांचवीं बार Prime Minister के रूप में चुनी गईं. हालांकि, छात्र विरोध प्रदर्शनों के कारण शेख हसीना को 5 अगस्त 2024 को सत्ता छोड़नी पड़ी.
2024 में हुआ छात्र आरक्षण सुधार आंदोलन एक जन विद्रोह में बदल गया. उसी वर्ष जुलाई-अगस्त में, छात्र आंदोलन पर Police ने हमला किया और उन पर गोलियां चलाईं, साथ ही अवामी लीग के विभिन्न स्तरों के नेताओं और कार्यकर्ताओं और पार्टी के सहयोगी संगठनों, छात्र लीग और जुबली लीग के कार्यकर्ताओं पर भी हमला किया. परिणामस्वरूप, आरक्षण सुधार आंदोलन Government के पतन का कारण बन गया.
हसीना के अलावा इस मामले में पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व Police महानिरीक्षक (आईजीपी) चौधरी अब्दुल्ला अल-ममून भी आरोपी थे. हसीना और खान देश में नहीं हैं, तो पूर्व आईजीपी Police के गवाह बन गए. उन्होंने माफी मांगी, जिस पर गौर करते हुए कोर्ट ने उन्हें 5 साल की सजा सुना दी.
अपने बयान में ममून ने कहा कि तत्कालीन Prime Minister शेख हसीना ने छात्र आंदोलन को दबाने के लिए सीधे तौर पर ‘घातक हथियारों’ के इस्तेमाल का आदेश दिया था. उन्हें यह निर्देश पिछले साल 18 जुलाई को तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमा खान के माध्यम से शेख हसीना से प्राप्त हुआ था.
23 अक्टूबर को सुनवाई पूरी होने के बाद, पहले फैसला और सजा सुनाने की तारीख 14 नवंबर तय की गई थी. बाद में, 13 नवंबर को, आईसीटी ने घोषणा की कि वह हसीना और उनके दो शीर्ष सहयोगियों के खिलाफ मामले में 17 नवंबर को फैसला सुनाएगा, और आखिरकार हुआ भी यही.
–
केआर/