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New Delhi, 17 नवंबर . केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने Monday को जानकारी देते हुए बताया कि वे जापान की राजधानी टोक्यो में एनर्जी वैल्यू चेन में भारत-जापान सहयोग के अवसरों पर चर्चा के लिए जापान के इंडस्ट्री लीडर्स के साथ एक राउंडटेबल का हिस्सा बने.
उन्होंने इस सम्मेलन को लेकर जानकारी देते हुए बताया, “हमने चर्चा की कि भारत-प्रशांत क्षेत्र की ऊर्जा स्थिरता और सस्टेनेबल ग्रोथ किस प्रकार India के व्यापक पैमाने विशेषकर पीएम मोदी के नेतृत्व में India के एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने और बढ़ाने से जुड़ी पहलों और जापान की कटिंग-एज टेक्नोलॉजिकल लीडरशिप के साथ नया आकार पा सकती हैं.”
Union Minister पुरी ने एक्स पर लिखा, “India की 6 बड़ी ऑयल और गैस पब्लिक सेक्टर कंपनियों ने वित्त वर्ष 2024-25 में 315 अरब डॉलर का रेवेन्यू दर्ज किया है, जो कि India की जीडीपी का 8 प्रतिशत है. यह पैमाना ग्लोबल एनर्जी एंकर और जापान के निवेशकों- टेक्नोलॉजी लीडर्स के लिए एक विश्वसनीय पार्टनर के रूप में India की भूमिका को उजागर करता है.”
उन्होंने बताया कि 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), ट्रांसपेरेंट बिडिंग, ईयर-राउंड एक्सप्लोरेशन लाइसेंसिंग जैसे India के पॉलिसी रिफॉर्म्स ने एक पूर्वानुमानित और इंवेस्टर-फ्रेंडली एनर्जी एनवायरमेंट तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
Union Minister ने पोस्ट में आगे लिखा, “ऐसे समय में जब India ईएंडपी, एलएनजी, सीजीडी, हाइड्रोजन, शिपिंग और न्यू फ्यूल्स जैसे सेक्टर्स में 500 अरब डॉलर से अधिक के निवेश अवसरों को पेश कर रहा है, India और जापान एक-दूसरे के पूरक हैं.”
उन्होंने आगे कहा कि जहां एक ओर India के पास एक विशाल और युवा वर्कफोर्स मौजूद है. बेहतरीन बिजनेस इकोसिस्टम और मेक इन इंडिया पहल के तहत मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड का विजन है. वहीं, जापान एडवांस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करता है. साथ ही, ग्रीन एंड एनवायरमेंटल टेक्नोलॉजी को लेकर अपनी नेतृत्व प्रदान करता है.
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एसकेटी/