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कोलकाता, 17 नवंबर . पश्चिम बंगाल की Chief Minister ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग हिल्स में गोरखाओं से जुड़े मुद्दे पर ‘वार्ताकार’ का विरोध करते हुए Prime Minister Narendra Modi को एक पत्र लिखा है. उन्होंने Government के आदेश को असंवैधानिक बताते हुए नियुक्ति को रद्द करने की मांग की.
Chief Minister ममता बनर्जी ने बताया कि कोई और सूचना दिए बिना गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले वार्ताकार कार्यालय ने काम करना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह वास्तव में चौंकाने वाला है.
Prime Minister मोदी को लिखे पत्र में ममता बनर्जी ने कहा, “कृपया मेरे 18 अक्टूबर के पत्र का संदर्भ लें, जिसमें मैंने आपसे दार्जिलिंग हिल्स में गोरखाओं से संबंधित मुद्दों के लिए एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी की वार्ताकार के रूप में नियुक्ति पर पुनर्विचार करने और उसे रद्द करने का अनुरोध किया था. आपके कार्यालय ने इस पर तुरंत संज्ञान लिया था और गृह मंत्री को इस पर विचार करने का सुझाव दिया था. यह गंभीर चिंता का विषय है कि मेरे पत्र के उत्तर में कोई और सूचना दिए बिना और आपके हस्तक्षेप के बावजूद गृह मंत्रालय के अंतर्गत वार्ताकार कार्यालय ने 10 नवंबर के ज्ञापन के माध्यम से सूचित किया है कि कार्यालय ने कार्य करना शुरू कर दिया है.”
ममता बनर्जी ने गोरखा प्रादेशिक प्रशासन अधिनियम, 2011 का हवाला देते हुए कहा कि यह कानून दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और कुर्सियांग उप-मंडलों में स्वशासन सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया था. इसे स्पष्ट रूप से पश्चिम बंगाल राज्य Government के रूप में परिभाषित किया गया. इसलिए केंद्र Government के पास इन क्षेत्रों से संबंधित मामलों में किसी प्रतिनिधि या मध्यस्थ की नियुक्ति करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है.
Chief Minister ने कहा कि पश्चिम बंगाल Government राज्य के आंतरिक मामलों में इस असंवैधानिक, मनमाने और Political रूप से रंगे हस्तक्षेप को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करती है और इसका कड़ा विरोध करती है. उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के कृत्य न केवल संवैधानिक संघीय ढांचे को कमजोर करते हैं, बल्कि हमारी लोकतांत्रिक राजनीति को परिभाषित करने वाली एकता और आपसी सम्मान की भावना को भी नष्ट करते हैं.
उन्होंने आखिर में Prime Minister Narendra Modi से मामले में हस्तक्षेप करने और आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया.
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डीसीएच/