जापान और चीन के बीच गहराया विवाद, जानें क्या है पूरा मामला

New Delhi, 16 नवंबर . जापान और चीन के बीच इन दिनों तनाव देखने को मिल रहा है. दोनों देशों के बीच इस विवाद को जापान की नवनियुक्त Prime Minister साने ताकाइची के बयान ने और हवा दे दी. जापानी एजेंसी के अनुसार चीन के तटरक्षक जहाज का एक दल Sunday को अधिकार प्रवर्तन गश्त के दौरान सेनकाकू द्वीप समूह के आसपास के पानी से गुजरा.

बता दें कि इससे एक दिन पहले चीन ने अपने नागरिकों को जापान का सफर करने से बचने की सलाह दी थी. वहीं अब चार सशस्त्र चीनी तटरक्षक जहाज जापान के विवादित जलक्षेत्र से गुजरे हैं.

दरअसल, चीन दावा करता है कि ताइवान उसके क्षेत्र का हिस्सा है. इसके साथ ही चीन का कहना है कि उस हिस्से पर कंट्रोल करने के लिए वह बल का भी प्रयोग कर सकता है. वहीं 7 नवंबर को संसद में पीएम तकाईची ने कहा था कि ताइवान पर सशस्त्र हमला होने पर आत्मरक्षा के लिए वहां सैनिक भेजे जा सकते हैं. अगर यहां किसी भी तरह का बल प्रयोग किया जाता है, तो यह जापान के लिए खतरे की स्थिति होगी.

बता दें कि जापान में 2015 में सुरक्षा कानून भी पारित किया गया था, जिसके तहत सामूहिक परिस्थितियों में उसके पास आत्मरक्षा का अधिकार भी है. वहीं ताइवान भी चीनी शासन को अस्वीकार करता है. ताइवान ने जरूरत पड़ने पर अपनी रक्षा करने का संकल्प लिया है. वहीं दूसरी ओर सुरक्षा के लिए अमेरिका ने भी अपने सैनिकों की तैनाती कर रखी है. ऐसे में किसी भी संघर्ष में जापान और अमेरिका सहित प्रमुख क्षेत्रीय शक्तियां शामिल हो सकती हैं.

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने पिछले 24 घंटों में द्वीप के आसपास 30 चीनी सैन्य विमानों, सात नौसेना जहाजों और एक ‘आधिकारिक’ पोत को संचालित होते हुए देखा है. इसके साथ ही तीन ड्रोन ताइवान और जापान के दूरस्थ द्वीपों के बीच उड़ान भर रहे हैं.

पहले जापान के किसी भी Prime Minister ने ताइवान के मुद्दे पर मुखर होकर सीधा कुछ बोलने से खुद को बचाया है. हालांकि, पीएम ताकाइची ने इसपर सीधा बयान देकर और social media पोस्ट के जरिए चिंगारी को हवा दे दी है.

केके/डीएससी