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New Delhi, 16 नवंबर . बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के राजनीति छोड़ने और चप्पल से पीटने के आरोप ने बिहार की राजनीति में खलबली मचा दी है. एनडीए नेताओं ने राजद नेता और रोहिणी के भाई तेजस्वी यादव को निशाने पर लिया.
उनका कहना है कि जो परिवार नहीं संभाल सकता है, वह बिहार संभालने की बात कर रहा था.
रोहिणी आचार्य के social media पोस्ट पर डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि राजद की अराजकता जो बाहर झलकती थी, अब वह घर के अंदर भी झलक रही है. इस मानसिकता के लोग, जो अपने परिवार को समेटकर नहीं रख सकते, वे बिहार को कैसे चला सकते हैं? पहले भाई, अब बहन. हालांकि सिन्हा ने कहा कि यह उनका पारिवारिक मामला है, इस पर हम बहुत कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन यह मानसिकता उनके भविष्य को तय करेगी.
भाजपा नेता नीरज सिंह बबलू ने कहा कि तेजस्वी यादव को निशाने पर लेते हुए कहा कि पहले पोस्टर में माता-पिता का फोटो गायब हुआ, उसके बाद भाई ने घर छोड़ा, और अब बहन. तेजस्वी पहले परिवार संभालें फिर बिहार संभालने की बात करें.
जेडीयू नेता मदन सहनी ने कहा कि लालू परिवार ने किसे नहीं अपमानित किया? उन्होंने बिहार में 15 साल के शासन में भय का माहौल बनाया था. अब बेटी का अपमान कर रहे हैं, जिसने उनकी जान बचाई. उन्हें भी रोते हुए घर से निकलना पड़ रहा है, तो इससे बड़ा दुर्भाग्य नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि राजनीति में हार का असर नहीं पड़ना चाहिए, मिल-जुलकर रहना चाहिए.
जनशक्ति जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष मदन यादव ने कहा कि यह गलत हो रहा है, जयचंद लोग सामने आने लगे हैं. 10 दिन के अंदर जयचंद खुद भागेंगे. हम लोग सजग हो गए हैं. चुनाव में मिली हार पर कहा कि 90 फीसदी देन राजद की है. साथ ही यह भी कहा कि किसी को सम्मान नहीं देंगे तो भुगतना होगा.
जदयू नेता संजय सिंह ने कहा कि रोहिणी आचार्य बता रही हैं कि उन्हें चप्पल से पीटने की कोशिश की गई. कहीं न कहीं घर में महाIndia चल रहा है, हार का ठीकरा कौन अपने सिर पर फोड़े, इसीलिए यह सब हो रहा है. बिहार की जनता को इस पारिवारिक कलह में नहीं उलझना चाहिए. तेज प्रताप पहले ही निकल चुके हैं.
बिहार में एनडीए की जीत पर उपChief Minister विजय सिन्हा ने कहा कि लोकतंत्र की जननी की भूमि बिहार में निवास करने वाले हर बिहारी ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपना जनादेश दिया है. यह जनादेश साफ है. जो लोकतंत्र का हत्यारा है, वह लोकतंत्र में बाधक बनता है. संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करता है, उसे यही सजा मिलती है. जाति के जहर की लहर का कहर अभी खत्म हुआ और उन्माद पैदा करने की मानसिकता पर भी चोट लगी. अब यह लोग नहीं सुधरेंगे तो राजनीति से समाप्त हो जाएंगे.
अखिलेश यादव ने कहा कि एनडीए की इतनी बड़ी जीत हजम नहीं हो रही. इस पर विजय सिन्हा ने कहा कि परिवारवादी लोग हैं. राजनीति को अपनी जागीर समझते हैं, इसलिए उनकी परेशानी स्वाभाविक है.
बिहार चुनाव के बाद अब अगली बारी बंगाल की है, इस पर विजय सिन्हा ने कहा कि लोकतंत्र की धरती ने जो संदेश दिया है, पूरे देश के लिए है. बंगाल के हर बंगाली निश्चित तौर पर बिहार के जनादेश के अनुकूल मन में मिजाज बनाएंगे और बंगाल को भी घुसपैठियों से मुक्त करेंगे. बंगाल India का गौरव है और हर बंगाली उस गौरव को नष्ट करने वालों को सजा देगा.
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डीकेएम/वीसी