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New Delhi, 16 नवंबर भारतीय वायु सेना फ्रांस के मोंट-डे-मार्सन में फ्रांसीसी वायु एवं अंतरिक्ष बल के साथ द्विपक्षीय वायु अभ्यास ‘गरुड़ 25’ को अंजाम दे रही है. इस अभ्यास के लिए भारतीय वायु सेना की एक टुकड़ी फ्रांस में है.
भारतीय वायु सेना यहां अपने सुखोई-30एमकेआई लड़ाकू विमान के साथ अभ्यास में शामिल हुई है. यह अभ्यास Sunday 16 नवंबर से प्रारंभ हुआ है और 27 नवंबर तक चलेगा. इस महत्वपूर्ण वायुसेना अभ्यास में इंडक्शन और डी-इंडक्शन चरणों के लिए सी-17 ग्लोबमास्टर द्वारा एयरलिफ्ट किया जाएगा. वहीं, फाइटर जेट की रेंज बढ़ाने के लिए हवा में ही ईंधन भरने का अभ्यास भी इस अभियान का हिस्सा है.
इसके लिए आईएल-78 हवा से हवा में ईंधन भरने वाले टैंकरों का उपयोग किया जा रहा है. अभ्यास के दौरान, भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान फ्रांस के बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों के साथ जटिल हवाई युद्ध परिदृश्यों जैसे कि हवा से हवा में युद्ध, एयर डिफेंस और संयुक्त हमला करने अभियानों पर फोकस करेंगे.
इस अभ्यास का उद्देश्य एक वास्तविक दिखने वाले वातावरण में रणनीति और प्रक्रियाओं को परखना है. साथ ही पारस्परिक दोनों वायुसेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ावा भी दिया जा रहा है. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि गरुड़ 25 अभ्यास दोनों वायु सेनाओं के बीच प्रोफेशनल बातचीत, प्रचालनगत ज्ञान के आदान-प्रदान और सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा करने का अवसर दे रहा है.
यह अभ्यास भारतीय वायु सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. इससे पहले इसी वर्ष India और फ्रांस की सेनाओं ने एक बेहद महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास ‘शक्ति’ को अंजाम दिया था. खास बात यह रही कि वह युद्धाभ्यास आधुनिक युद्ध की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पूरा किया गया था. अभ्यास के दौरान India और फ्रांस की सेनाओं ने भविष्य के युद्धों को ध्यान में रखकर इस युद्धाभ्यास में इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली का समावेश किया.
इसके अलावा, ड्रोन रोधी अभियानों जैसे विषयों पर संयुक्त प्रशिक्षण किया. यह पूरा अभ्यास भी फ्रांस में आयोजित किया गया. अभ्यास के दौरान दोनों सेनाओं ने कंबैट शूटिंग, अर्बन वारफेयर, और अवरोध पार प्रशिक्षण भी किया. रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली व ड्रोन रोधी क्षमता युद्धों का रुख निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.
वहीं, India और फ्रांस के बीच राफेल मरीन लड़ाकू विमानों का सौदा भी हो चुका है. राफेल मरीन विमानों की खरीद के लिए यह Government-से-Government की डील है. इस डील के तहत फ्रांस द्वारा भारतीय नौसेना को मरीन (एम) श्रेणी के 26 राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति की जाएगी. तय सौदे के मुताबिक भारतीय नौसेना को फ्रांस द्वारा 26 राफेल मरीन फाइटर जेट की डिलीवरी दी जाएगी. इनमें से 22 फाइटर जेट सिंगल-सीटर होंगे. वहीं, नौसेना को चार ट्विन-सीटर वेरिएंट के ट्रेनिंग राफेल विमानों की डिलीवरी भी की जाएगी. ये विमान ट्रेनिंग के लिए भी उड़ान भरेंगे.
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जीसीबी/एएस