मतुआ समुदाय की नागरिकता बचाने के लिए अधीर रंजन चौधरी ने गृह मंत्री को लिखा पत्र

कोलकाता, 15 नवंबर . कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यसमिति सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल के मतुआ समुदाय की नागरिकता बचाने की गुहार लगाई है.

उन्होंने मांग की है कि समुदाय को कड़े दस्तावेजों की शर्त से छूट दी जाए और उनकी नागरिकता को तुरंत मान्यता दी जाए. ठाकुरनगर पहुंचे अधीर रंजन चौधरी ने अनशन पर बैठे मतुआ समुदाय के लोगों से मुलाकात की. समुदाय के लोग पिछले कई दिनों से अनशन पर हैं. चौधरी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी लड़ाई में कांग्रेस पूरी ताकत से साथ खड़ी है.

पत्र में उन्होंने लिखा कि मतुआ समुदाय दशकों पहले पूर्वी Pakistan से धार्मिक उत्पीड़न के कारण India आया था. ये लोग आज देश का हिस्सा हैं और सालों से वोट डालते आए हैं, लेकिन अब नागरिकता साबित करने के लिए 25 साल पुराने दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, जो इनके लिए नामुमकिन है.

सीएए कानून का जिक्र करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि Government ने धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोगों के लिए अंतिम तारीख 2014 से बढ़ाकर 2024 कर दी है. ठीक उसी तरह मतुआ समुदाय के लिए भी मानवीय रुख अपनाया जाए. उन्होंने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले अध्यादेश लाने की मांग की, ताकि समुदाय की नागरिकता सुरक्षित हो और विधानसभा व Lok Sabha चुनावों में उनका वोटिंग का हक बरकरार रहे.

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो हजारों लोग अपने वोटिंग अधिकार से वंचित हो जाएंगे. यह समुदाय सालों से राज्य और केंद्र में अपने प्रतिनिधि चुनता आया है. अब इनका हक छिनना अन्याय होगा.

कांग्रेस नेता ने साफ कहा कि मतुआ समुदाय की सम्मान, सुरक्षा और पूर्ण नागरिकता की लड़ाई में वे अंत तक साथ रहेंगे.

एसएचके/वीसी