ट्रंप ने नाइजीरिया पर हमले से नहीं किया इनकार, बोले- हो सकता है अमेरिकी सेना करे स्ट्राइक

वाशिंगटन, 3 नवंबर . डोनाल्ड ट्रंप ने नाइजीरिया में ईसाइयों की हत्याओं को रोकने के लिए सैन्य बलों का इस्तेमाल करने से इनकार नहीं किया है. इस बीच अबुजा (नाइजीरिया) ने जहां पहले आतंक के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई का स्वागत किया वहीं अब ये भी कहा है कि वो ‘ईसाइयों के नरसंहार’ के आरोप को खारिज करता है.

अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप ने Sunday को कहा कि अमेरिका पश्चिमी अफ्रीकी देश नाइजीरिया में ईसाइयों की कथित टारगेट किलिंग को रोकने के लिए वहां सेना भेज सकता है या एयर स्ट्राइक कर सकता है.

एयर फोर्स वन में पत्रकारों के यह पूछने पर कि क्या वह नाइजीरिया में अमेरिकी मिलिट्री एक्शन के बारे में सोच रहे हैं, ट्रंप ने जवाब दिया, “हो सकता है.”

अमेरिकी President ने आगे कहा, “मैं बहुत सी चीजें सोचता हूं. वे नाइजीरिया में रिकॉर्ड संख्या में ईसाइयों को मार रहे हैं… वे ईसाइयों को मार रहे हैं और हम ऐसा नहीं होने देंगे.”

ट्रंप का यह कमेंट Saturday को social media पर एक पोस्ट के बाद आया है जिसमें उन्होंने नाइजीरिया के खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी दी थी अगर वह “ईसाइयों की हत्या होने देना जारी रखता है.”

अबुजा में अधिकारियों ने ट्रंप की बातों को तुरंत खारिज कर दिया और कहा कि देश में हिंसा धर्म की वजह से नहीं हो रही है, बल्कि यह आतंकवाद और डकैती के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई का हिस्सा है.

नाइजीरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता किमिबी इमोमोतिमी एबिएनफe ने अल जजीरा को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “हमें अपनी मौजूदा सुरक्षा स्थिति पर गर्व नहीं है, लेकिन यह कहना कि सिर्फ ईसाइयों को निशाना बनाया जा रहा है – यह सच नहीं है. नाइजीरिया में ईसाइयों का कोई नरसंहार नहीं हो रहा है.”

Saturday को ट्रंप ने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर भी नाइजीरिया को आगाह किया था. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “अमेरिका तुरंत नाइजीरिया को दी जाने वाली सभी मदद और सहायता रोक देगा, और हो सकता है कि अब यूएस उस ‘बदनाम देश’ में ‘बंदूकें लहराते हुए’ घुस जाए, ताकि उन इस्लामिक आतंकवादियों को पूरी तरह खत्म किया जा सके जो ये भयानक अत्याचार कर रहे हैं.”

उन्होंने आगे रक्षा विभाग – जिसे ट्रंप ने डिपार्टमेंट ऑफ वॉर का नाम दिया है – को संभावित कार्रवाई के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया. “अगर हम हमला करते हैं, तो यह तेज, खतरनाक और शानदार होगा, ठीक वैसे ही जैसे आतंकवादी गुंडे हमारे प्यारे ईसाइयों पर हमला करते हैं!”

Friday को, ट्रंप प्रशासन ने धार्मिक स्वतंत्रता पर रोक का हवाला देते हुए नाइजीरिया को ‘खास चिंता वाले देशों’ (सीपीसी) की सूची में फिर से शामिल कर लिया.

व्हाइट हाउस ने ऐसा कोई सबूत नहीं दिया है कि ईसाइयों को किसी अन्य जातीय या धार्मिक समूह की तुलना में ज्यादा निशाना बनाया जा रहा है. नाइजीरिया भी इस दावे से इनकार करता है. इस सूची में शामिल अन्य देशों में Pakistan, चीन, म्यांमार, उत्तर कोरिया और रूस शामिल हैं.

केआर/