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New Delhi, 14 नवंबर . 1956 का वो साल अमेरिकी संगीत के इतिहास में एक मोड़ साबित हुआ. एल्विस प्रेस्ली, जिन्हें दुनिया “किंग ऑफ रॉक एंड रोल” कहती है, ने पहली बार अपने पर्दे पर एक्टिंग का कमाल दिखाया और गिटार की धुन पर एक ऐसा गीत गाया जो रॉक नहीं, बल्कि खामोश मोहब्बत का इजहार था. यह वो गाना था जिसने साबित किया कि एल्विस सिर्फ मंच पर तहलका मचाने वाले रॉक स्टार नहीं, बल्कि दिलों में बसने वाले रोमांटिक गायक भी हैं, और ये गीत था फिल्म ‘लव मी टेंडर’ का टाइटल गीत.
टाइटल सॉन्ग ने लोगों के जेहन पर अमिट छाप छोड़ी. जड़ें 1861 के अमेरिकी गृहयुद्ध के समय के एक पुराने लोकगीत ‘औरा ली’ में थीं. उसी धुन को दोबारा संवारा गया, और गीतकार केन डार्बी ने इसके बोल लिखे, लेकिन एल्विस की गायकी ने इसे आत्मा दे दी. जब यह गीत उनकी पहली फिल्म लव मी टेंडर के साथ रिलीज हुआ, तो दर्शकों ने पहली बार बड़े पर्दे पर एक रॉक स्टार को प्रेमी के रूप में देखा.
रिलीज के कुछ ही हफ्तों में, यह गीत बिलबोर्ड चार्ट्स पर नंबर-वन बन गया और एल्विस की आवाज घर-घर में गूंजने लगी. लोग कहते थे, “यह गाना नहीं, किसी की धड़कन है.” जब वह मंच पर इसे गाते थे, भीड़ में सन्नाटा छा जाता; हर श्रोता को लगता जैसे यह गीत सिर्फ उसके लिए है.
एल्विस प्रेस्ली को फिल्म के चार गानों के सह-लेखक का श्रेय दिया जाता है, लेकिन वास्तव में उनका कोई योगदान नहीं था; यह सिर्फ रॉयल्टी के लिए था. 1968 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, जब एल्विस से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि उन्होंने शीर्षक गीत, “लव मी टेंडर,” के बोलों की एक पंक्ति में योगदान दिया था.
दिलचस्प बात यह भी है कि केन डार्बी ने गीत के अधिकार अपनी पत्नी के नाम से दर्ज कराए, ताकि यह इतिहास हमेशा दो लोगों के प्रेम से जुड़ा रहे ठीक वैसे ही जैसे गीत के शब्द थे, “लव मी टेंडर, लव मी ट्रू.” एल्विस ने बाद में कहा था, “यह गाना मेरे किसी शो का नहीं, मेरे दिल का हिस्सा है.”
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केआर/