यूएनएचआरसी सूडान के अल फशर हत्याकांड पर बुलाया विशेष सत्र

जिनेवा, 14 नवंबर . संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार निकाय यूएनएचआरसी ने Friday को एक दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन किया. इसमें सूडान में हुई हिंसा को लेकर चर्चा की. दारफुर के एक अस्पताल में सैकड़ों हत्या और पिछले महीने सेना अर्धसैनिक बलों के अत्याचारों पर प्रकाश डाला गया.

मानवाधिकार परिषद ने एक मसौदा प्रस्ताव पर भी चर्चा की, जिसमें स्वतंत्र विशेषज्ञों की एक मौजूदा टीम से अल-फशर शहर में रैपिड सपोर्ट फोर्सेज की हिंसक गतिविधियों और अन्य अधिकारों के उल्लंघन की तत्काल जांच करने का आह्वान किया गया.

प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कार्रवाई करने का आग्रह किया.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने कहा, “दिखावा और प्रदर्शन बहुत ज्यादा हुआ लेकिन कार्रवाई बहुत कम हुई है. इन अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठानी होगी—एक पूरी आबादी को नियंत्रित करने के लिए क्रूरता का प्रदर्शन किया गया है.”

तुर्क ने सूडान में युद्ध को “बढ़ावा देने और उससे लाभ कमाने” वाले व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई का आह्वान किया, और सूडानी क्षेत्र कोर्डोफान में बढ़ती हिंसा, बमबारी, नाकेबंदी और लोगों को उनके घरों से जबरन निकाले जाने को लेकर भी कड़ी चेतावनी दी.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पिछले महीने आरएसएफ ने उत्तरी दारफुर की राजधानी अल-फशर पर कब्जा कर लिया और शहर के सऊदी अस्पताल में आतंक मचाया. यहां 450 से ज्यादा लोगों को मार डाला. आरएसएफ के लोग घर-घर जाकर नागरिकों की हत्या कर रहे थे और महिलाओं के साथ ज्यादती भी की.

26 अक्टूबर को अल-फशर के दारफूर क्षेत्र पर आरएसएफ के नियंत्रण को मजबूत कर दिया.

तुर्क ने आरएसएफ और सूडानी सशस्त्र बलों से यह भी आह्वान किया कि वे अकालग्रस्त शहर में अभी भी फंसे हुए लोगों तक जीवन रक्षक सहायता पहुंचाएं.

शहर से भाग रही महिलाओं ने हत्याओं और सुनियोजित बलात्कार की सूचना दी है, जबकि अन्य ने नागरिकों को सड़कों पर गोली मारे जाने और ड्रोन से हवाई हमला करने की बात कबूली है.

केआर/