राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड रजत जयंती पर राज्य विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया

देहरादून, 3 नवंबर . उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती के मौके पर Monday को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया. President द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड विधानसभा को संबोधित किया और कहा कि 25 साल की इस यात्रा में राज्य ने विकास के प्रभावशाली लक्ष्यों को हासिल किया है. पर्यावरण, पर्यटन और शिक्षा समेत अनेकों क्षेत्रों में राज्य ने सराहनीय प्रगति की.

President द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा, ‘मुझे यह जानकारी खुशी हुई है कि राज्य में साक्षरता बढ़ी है. महिलाओं की शिक्षा में विस्तार हुआ है. मातृ और शिशु मृत्यु दर में भी पहले के मुकाबले कमी आई है. स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने में भी राज्य Government की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं.”

महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य Government के कामों की प्रशंसा करते हुए President मुर्मू ने कहा, “महिला सशक्तिकरण के प्रयासों से सुशीला बलूनी, बछेंद्री पाल, गौरा देवी, राधा भट्ट और वंदना कटारिया जैसी असाधारण महिलाओं की गौरवशाली परंपरा आगे बढ़ेगी. ऋतु खंडूरी भूषण को राज्य की पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष के रूप में चुनकर विधानसभा ने अपना गौरव बढ़ाया है. मैं चाहूंगी कि सभी हितधारकों के प्रयासों से उत्तराखंड विधानसभा में महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी होगी.”

President के संबोधन से पहले Chief Minister पुष्कर सिंह धामी ने सदन में कहा कि 9 नवंबर को उत्तराखंड अपनी राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे करने जा रहा है. यह ऐतिहासिक अवसर उत्तराखंड के लोगों के लिए आत्म-गौरव का क्षण होने के साथ भावनात्मक क्षण भी है, क्योंकि यह राज्य हमारे असंख्य माता-बहनों, युवाओं और जननायकों के अदम्य साहस और संघर्ष का प्रतीक है.

उन्होंने कहा, “हमें पृथक राष्ट्र के लिए संघर्ष के दौर से गुजरना पड़ा. इस संघर्ष में राज्य के असंख्य नागरिकों ने वर्षों तक न्याय, सम्मान और स्वाभिमान के लिए लड़ाई लड़ी. मैं उन सभी ज्ञात-अज्ञात राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं, जिनके त्याग और बलिदान के बल पर यह राज्य 25 सालों की गौरवशाली यात्रा पूर्ण कर रहा है.”

Chief Minister पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जिन मूल्यों, आदर्शों और आकांक्षाओं के लिए यह राज्य अस्तित्व में आया, उनकी रक्षा करना और आकांक्षाओं को साकार करना हम सभी का परम कर्तव्य है.

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