झारखंड: सरायकेला डाकघर में सीबीआई ने पोस्टल इंस्पेक्टर और असिस्टेंट को घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया

रांची, 13 नवंबर . Jharkhand के सरायकेला जिला मुख्यालय स्थित डाकघर में भ्रष्टाचार के एक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने Thursday को बड़ी कार्रवाई करते हुए पोस्टल इंस्पेक्टर और असिस्टेंट को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया. सीबीआई की टीम ने दोनों के पास से नकद राशि और कई अहम दस्तावेज बरामद किए हैं. फिलहाल उनसे पूछताछ जारी है.

सूत्रों के अनुसार, सीबीआई को शिकायत मिली थी कि सरायकेला डाकघर के पोस्टल असिस्टेंट और इंस्पेक्टर ने ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) के पद पर चयनित रंजन दास से योगदान (जॉइनिंग) स्वीकार करने के बदले रिश्वत की मांग की थी. बताया गया है कि दोनों ने इसके एवज में 20 हजार रुपए की घूस मांगी थी. शिकायत की पुष्टि के बाद सीबीआई की टीम ने योजना बनाकर ट्रैप ऑपरेशन किया और दोनों को घूस लेते हुए पकड़ लिया.

गिरफ्तारी के बाद सीबीआई अधिकारियों ने सरायकेला डाकघर परिसर के साथ-साथ दोनों आरोपियों के आवास पर भी तलाशी अभियान चलाया. इस दौरान जांच टीम को कुछ नकदी, Governmentी कागजात और लेन-देन से जुड़े अहम दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है. सीबीआई यह भी जांच कर रही है कि क्या इस प्रकरण में अन्य अधिकारी या कर्मचारी भी शामिल हैं.

एजेंसी सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि डाकघर में नियुक्तियों और दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान अनियमितताओं की शिकायतें पहले भी मिलती रही हैं. गिरफ्तार दोनों डाककर्मियों से स्थित सीबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ की जा रही है. आवश्यक औपचारिकताओं के बाद उन्हें विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया जाएगा.

एक हफ्ते के भीतर Jharkhand में इस तरह के मामले में सीबीआई की यह दूसरी कार्रवाई है. पांच दिन पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा रांची की 10 सदस्यीय टीम ने खलारी में सीसीएल (सेंट्रल कोल फील्ड्स लि.) के मानव संसाधन अधिकारी दीपक गिरि को 50 हजार रुपए घूस लेते गिरफ्तार किया था.

अधिकारी ने शिकायतकर्ता रोशन कुमार से उसके दिवंगत पिता की अनुकंपा नियुक्ति के बदले डेढ़ लाख रुपए रिश्वत की मांग की थी. सीसीएल में कार्यरत रहे रोशन कुमार के पिता का फरवरी 2025 में निधन हो गया था. इसके बाद रोशन ने अपने पिता की जगह अनुकंपा पर नियुक्ति के लिए आवेदन दिया था तो उससे घूस मांगी गई थी.

एसएनसी/डीकेपी