मनोज तिवारी बर्थडे: क्रिकेट नहीं विवादों ने दिलाई सुर्खियां, बीसीसीआई, धोनी और गौतम पर की गंभीर टिप्पणी

New Delhi, 13 नवंबर . मनोज तिवारी एक बेहतरीन बल्लेबाज रहे हैं. उनका अंतरराष्ट्रीय करियर लंबा नहीं रहा है, लेकिन पश्चिम बंगाल क्रिकेट टीम के लिए बतौर कप्तान और बल्लेबाज के तौर पर उनकी उपलब्धियां शानदार रही हैं. लेकिन, मनोज तिवारी क्रिकेट के जरिए नहीं बल्कि एमएस धोनी और गौतम गंभीर जैसे दिग्गज क्रिकेटरों के साथ अपने विवाद की वजह से चर्चा में रहे हैं.

मनोज तिवारी का जन्म 14 नवंबर 1985 को हावड़ा, कोलकाता में हुआ था. बचपन से क्रिकेट का शौक रखने वाले मनोज तिवारी ने 2004 में बंगाल के लिए प्रथम श्रेणी और लिस्ट ए क्रिकेट में डेब्यू किया था. भारतीय टीम के लिए 2008 में वनडे और 2011 में टी20 में उन्हें मौका मिला. जुलाई 2015 में उन्होंने भारतीय टीम के लिए आखिरी बार खेला था. India के लिए 12 वनडे मैचों में 1 शतक और 1 अर्धशतक की मदद से 287 रन बनाने वाले मनोज तिवारी ने 3 टी20 मैचों की 1 पारी में 15 रन बनाए थे. तिवारी का वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे शतक बेहद यादगार है.

घरेलू क्रिकेट की बात करें तो 148 प्रथम श्रेणी मैचों में 30 शतक और 45 अर्धशतक लगाते हुए 10,195 रन उन्होंने बनाए. प्रथम श्रेणी में मनोज तिवारी ने तिहरा शतक भी लगाया है. वहीं 169 लिस्ट ए मैचों में 6 शतक और 40 अर्धशतक लगाते हुए 5,581 रन मनोज तिवारी के नाम है. मनोज तिवारी ने अपनी कप्तानी में 2012 में बंगाल को फाइनल में पहुंचाया था. मैच ड्रॉ रहा था.

एक कप्तान और खिलाड़ी के तौर पर बड़ी सफलता के बावजूद मनोज तिवारी को अक्सर चर्चा विवादों की वजह से मिली.

मनोज तिवारी अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के वक्त से पहले समाप्त होने की वजह तब के कप्तान एमएस धोनी को मानते हैं. एक इंटरव्यू में तिवारी ने कहा था कि वह किसी दिन धोनी से यह जानना चाहेंगे कि शतक लगाने और प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड जीतने के बाद भी उन्हें लगातार 14 मैच तक क्यों बाहर रखा गया. अपने संन्यास के समय भी तिवारी ने धोनी पर उनके साथ पक्षपात का आरोप लगाया था.

पूर्व क्रिकेटर ने बीसीसीआई से फरवरी 2024 में रणजी ट्रॉफी को बंद करने की मांग कर दी थी. तिवारी ने कहा था कि रणजी ट्रॉफी को अगले सीजन से कैलेंडर से हटा देना चाहिए. टूर्नामेंट में बहुत सी चीजें गलत हो रही हैं. इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट, जिसका इतिहास बहुत समृद्ध है, को बचाने के लिए बहुत सी बातों पर ध्यान देने की जरूरत है. यह अपना आकर्षण और महत्व खो रहा है. बेहद निराशाजनक. इस बयान के समय वह क्रिकेट खेलते थे और उन पर मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया था.

2020 में मनोज तिवारी ने राष्ट्रीय चयनकर्ता रहे देवांग गांधी को ईडन गार्डंस में बंगाल टीम के ड्रेसिंग रूम में प्रवेश करने से रोक दिया था. इस वजह से भी वे विवादों में रहे.

साल 2015 में मनोज तिवारी और गौतम गंभीर के बीच दिल्ली के अरुण जेटली क्रिकेट स्टेडियम में एक घरेलू मैच के दौरान बहस हो गई थी. दोनों खिलाड़ियों ने एक-दूसरे को मारने तक की धमकी दे डाली थी. विवाद के दौरान गौतम ने मनोज को धमकी देते हुए कहा था कि शाम को मिल तुझे मारूंगा. जबाव में मनोज ने भी गुस्साकर कह दिया था, ‘शाम क्या अभी बाहर चल.’

इन विवादों की वजह से मनोज तिवारी हमेशा चर्चा में रहे. फरवरी 2024 में मनोज तिवारी ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया. फिलहाल वे राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय हैं और पश्चिम बंगाल Government में मंत्री हैं.

पीएके