पाकिस्तान में ‘सर्वेसर्वा’ बने मुनीर, सुप्रीम कोर्ट से छिनी शक्तियां, भड़का विपक्ष

New Delhi, 13 नवंबर . Pakistan में 27वें संविधान संशोधन को मंजूरी दे दी गई है. ऐसे में Pakistanी सेना के प्रमुख असीम मुनीर अब तीनों सेना के प्रमुख बन गए हैं. Pakistan के इतिहास में यह बड़ा बदलाव हुआ है.

Pakistanी असेंबली में इस बिल को 234 मतों के साथ पास किया गया. असीम मुनीर चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (सीडीएफ) होंगे. असीम 27 नवंबर से इस पद का कार्यभार संभालेंगे. इसके बाद परमाणु हथियारों का भी कमांड उन्हीं के हाथों में होगा.

हैरानी की बात यह है कि इस संशोधन के साथ ही मुनीर की शक्तियां बढ़ गईं. हालांकि, Supreme court की शक्तियों में कमी आई है. इस संशोधन के प्रावधान के तहत मुनीर अब अपने कार्यकाल को समाप्त करने के बाद भी इन शक्तियों का इस्तेमाल कर सकेंगे. वह ना तो रिटायर होंगे, ना उनसे यह पद लेकर किसी और को दिया जाएगा. आसान सी भाषा में कहें, तो अब वह सर्वेसर्वा होंगे.

संशोधन के अनुसार, सभी संवैधानिक मामलों को कोर्ट से हटाकर फेडरल कांस्टीट्यूशनल कोर्ट (एफसीसी) में शिफ्ट किया जाएगा. इसके तहत अब जजों की नियुक्ति भी Government ही करेगी.

Pakistanी मीडिया के अनुसार, 27वें संशोधन में आखिरी समय में कुछ बदलाव किया गया. इसके तहत फिलहाल वर्तमान चीफ जस्टिस ऑफ Pakistan (सीजेपी) याह्या अफरीदी अपने कार्यकाल के दौरान सीजेपी के पद पर ही रहेंगे. सीजेपी अफरीदी ने अक्टूबर 2024 में 30वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी, ऐसे में उनका कार्यकाल तीन साल बाद खत्म होगा.

संशोधन के अनुसार सीजेपी का मतलब दोनों मुख्य न्यायाधीशों में से वरिष्ठ न्यायाधीश है. यह प्रावधान अफरीदी के अपने पद से सेवानिवृत्त होने के बाद लागू होगा.

यहां तक कि Pakistan के Prime Minister से भी उनकी ताकत छीन ली गई है. मुनीर पहले पर्दे के पीछे से Government संभाल रहे थे, लेकिन अब लग रहा है कि वह पर्दे से बाहर आकर सत्ता संभालेंगे.

दरअसल, नेशनल कमांड अथॉरिटी पहले परमाणु हथियारों और मिसाइल सिस्टम की निगरानी और कंट्रोल करती थी. इसकी अध्यक्षता Pakistan के Prime Minister करते थे. हालांकि, इस पर भी मुनीर का कंट्रोल होगा.

विपक्ष इस संशोधन के खिलाफ आवाज उठा रहा है. पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी Pakistan तहरीक-ए-इंसाफ जमकर इसका विरोध कर रही है. पीटीआई नेताओं ने ना केवल सत्र का बहिष्कार किया, बल्कि विधेयक की प्रतियां भी फाड़ दी.

तहरीक तहफ्फुज-ए-आइन-ए-Pakistan ने इस संशोधन के खिलाफ जन आंदोलन का ऐलान भी किया है. हालांकि, यह आंदोलन कब होगा, इसे लेकर फिलहाल कोई जानकारी सामने नहीं आई है.

केके/एबीएम