मध्य प्रदेश भावांतर योजना: 1.33 करोड़ किसानों के खाते में सरकार ने ट्रांसफर किए 233 करोड़ रुपए

Bhopal , 13 नवंबर . Madhya Pradesh Government ने सोयाबीन किसानों से किए गए वादे के मुताबिक भावांतर योजना के अंतर्गत 1.33 करोड़ किसानों के खाते में 233 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर कर दी गई. देवास में Thursday को आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में Chief Minister मोहन यादव ने सोयाबीन उत्पादकों के खातों में राशि ट्रांसफर की.

Chief Minister मोहन यादव ने देवास जिले में 183.25 करोड़ रुपए की लागत के 8 विकास कार्यों का भूमि-पूजन भी किया. साथ ही किसानों को सम्मानित किया.

सीएम ने कहा कि आज और बीता दिन महत्वपूर्ण है, क्योंकि बीते रोज लाडली बहनों के खाते में 1250 से 1500 रुपए डाले गए. Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में बहनों का अच्छा समय चल रहा है, जो बहुत से कांग्रेसियों को हजम नहीं हो रहा है. वे सवाल कर रही हैं कि राशि कहां से आ रही है और कैसे दे रहे हो. उन्होंने कहा कि कांग्रेस तो रोती रहेगी और हम देते रहेंगे.

किसान की कोशिश होती है कि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों के पेट भरने में मदद करें. किसानों की मेहनत से सोयाबीन, कपास, और गेहूं उत्पादन से देश में Madhya Pradesh की पहचान बनी है. इसी के चलते Madhya Pradesh सोयाबीन स्टेट बन गया है. किसानों को अपनी फसल का उचित दाम मिलना चाहिए, इसीलिए भावांतर योजना आई है. इस योजना पर भी कांग्रेसी सवाल उठा रहे हैं कि पैसे कहां से आएंगे? सीएम मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस ने वास्तव में कभी किसानों का भला किया ही नहीं है.

राज्य Government ने भावांतर योजना 2025 के अंतर्गत सोयाबीन विक्रेता किसानों के लिए मॉडल रेट तय करने का प्रावधान किया है. उसी के आधार पर भावांतर राशि तय की जा रही है. 13 नवंबर को 4,130 रुपए प्रति क्विंटल का मॉडल रेट जारी किया गया है. यह मॉडल रेट उन किसानों के लिए है जिन्होंने अपनी सोयाबीन की उपज मंडी प्रांगणों में विक्रय की है. इस मॉडल रेट के आधार पर ही भावांतर की राशि की गणना की जाएगी.

मॉडल रेट में लगातार वृद्धि जारी रही. पहला मॉडल रेट 7 नवंबर को 4020 रुपए प्रति क्विंटल जारी किया गया था. इसी तरह 8 नवंबर को 4033 रुपए, 9 और 10 नवंबर को 4036 रुपए, 11 नवंबर को 4056 रुपए तथा 12 नवंबर को 4077 रुपए प्रति क्विंटल का मॉडल रेट जारी किया गया.

दरअसल, राज्य Government ने सोयाबीन की फसल पर प्रकृति के विपरीत असर के चलते किसानों को बड़ा नुकसान हुआ था. उनका उत्पादन भी प्रभावित हुआ था. परिणामस्वरूप, Government ने किसानों को भावांतर योजना का लाभ देने का ऐलान किया था. इसके लिए Government की ओर से मॉडल रेट तय किया गया और न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर की राशि का भुगतान करने का निर्णय लिया गया था. उसी के तहत सोयाबीन किसानों के खाते में राशि सिंगल क्लिक से ट्रांसफर की गई.

एसएनपी/एसके/वीसी