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पंचकूला, 12 नवंबर . Haryana Government ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के जिलों में बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है. ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तीसरे चरण के तहत गंभीर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के कारण कक्षा 5 तक की कक्षाओं के लिए स्कूल में आना बंद करने का निर्णय लिया गया है.
यह निर्देश माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, Haryana द्वारा सभी संबंधित उपायुक्तों को भेजा गया है. ज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि एनसीआर क्षेत्र के उपायुक्तों को अपने-अपने जिलों में वायु गुणवत्ता की वास्तविक स्थिति का आकलन करना होगा. यदि एक्यूआई स्तर गंभीर श्रेणी में बना रहता है, तो Governmentी और निजी स्कूलों में प्री-प्राइमरी से कक्षा 5 तक की ऑफलाइन कक्षाएं तत्काल प्रभाव से बंद कर दी जाएंगी.
इसके स्थान पर स्कूलों को ऑनलाइन या हाइब्रिड मोड में पढ़ाई जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं, बशर्ते ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध हो. निर्देश में यह भी जोर दिया गया है कि वायु गुणवत्ता का आकलन करते समय शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को अलग-अलग देखा जाए. कई बार शहरी इलाकों में एक्यूआई अधिक खराब होता है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर हो सकती है. इसलिए जिले में सभी जगह स्कूल बंद करने की बजाय लचीलापन रखा गया है.
उपायुक्तों को अपने जिलों के सभी ब्लॉकों से वायु गुणवत्ता डेटा एकत्रित कर संकलित रिपोर्ट तैयार करनी होगी. Government का मुख्य उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा करना है. बढ़ता स्मॉग, धूल और जहरीली गैसों का मिश्रण छोटे बच्चों के फेफड़ों और श्वसन तंत्र पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि 10 साल से कम उम्र के बच्चे प्रदूषण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं. इसलिए स्कूल बंद करना और घर से पढ़ाई कराना एक सुरक्षित विकल्प है.
स्कूल प्रबंधनों को तत्काल प्रभाव से ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था करनी होगी. जहां इंटरनेट या डिवाइस की कमी है, वहां हाइब्रिड मॉडल अपनाया जा सकता है. अभिभावकों से भी सहयोग की अपील की गई है कि वे बच्चों को बाहर खेलने या स्कूल आने से रोकें.
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एससीएच/एएस