गुजरात : ‘कैंसर से डरें नहीं’, जीसीआरआई में 50,000 से अधिक लोगों की हुई स्क्रीनिंग

Ahmedabad, 12 नवंबर . कैंसर एक ऐसा नाम है, जिसे सुनते ही लोगों के मन में डर पैदा हो जाता है. अगर इस बीमारी की पहचान समय रहते हो जाए, तो इलाज पूरी तरह संभव है. इसी संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए हर साल 7 नवंबर को ‘राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस’ मनाया जाता है. इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2014 में हुई थी और तब से देशभर में इस दिन लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

Gujarat में भी इस वर्ष ‘कैंसर अवेयरनेस डे’ के अवसर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. जगह-जगह हेल्थ कैंप, सेमिनार और जागरूकता रैलियों के जरिए लोगों को बताया गया कि कैसे एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रफुल्ल पानसारिया ने कहा, “प्रकृति के साथ हमने खिलवाड़ किया है. रासायनिक दवाओं और कृत्रिम खाद्य पदार्थों का अत्यधिक उपयोग बढ़ा है. खानपान की आदतें बिगड़ गई हैं. तंबाकू और धूम्रपान के सेवन से मुंह और गले के कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अब वक्त है कि हम अपनी जीवनशैली को सुधारें.”

Chief Minister भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में Gujarat Government ने कैंसर अवेयरनेस और ट्रीटमेंट के क्षेत्र में उल्लेखनीय कदम उठाए हैं. Ahmedabad स्थित Gujarat कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (जीसीआरआई) अब न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे देश का एक प्रमुख कैंसर उपचार केंद्र बन चुका है.

पिछले तीन वर्षों में जीसीआरआई में 50,000 से अधिक लोगों की कैंसर स्क्रीनिंग की जा चुकी है. इसके अलावा संस्थान ने राज्य के ग्रामीण इलाकों में भी हजारों की संख्या में कैंसर जांच शिविरों का आयोजन किया है. यहां मुफ्त वॉक-इन कैंसर स्क्रीनिंग ओपीडी भी चलाई जा रही है, जहां आम लोग आसानी से जांच करा सकते हैं.

संस्थान के निदेशक डॉ. शशांक पंड्या ने कहा, “कैंसर से बचाव पूरी तरह संभव है, अगर हम अपने जीवन में कुछ बदलाव करें. तंबाकू और धूम्रपान को तुरंत छोड़ें, रोजाना व्यायाम करें, ताजा फल और सब्जियां खाएं. छोटी-छोटी आदतों में सुधार लाकर हम कैंसर जैसी बीमारी से दूरी बना सकते हैं.”

डॉ. पंड्या ने बताया कि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर सबसे ज्यादा पाए जाते हैं, जबकि पुरुषों में लंग, ओरल और प्रोस्टेट कैंसर आम हैं.

वीकेयू/एबीएम