ईडी ने मुंबई में लोढ़ा ग्रुप के पूर्व निदेशक राजेंद्र लोढ़ा के 14 ठिकानों पर छापेमारी की

Mumbai , 12 नवंबर . Enforcement Directorate (ईडी) ने लोढ़ा डेवलपर्स लिमिटेड के पूर्व निदेशक राजेंद्र लोढ़ा के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. Wednesday को मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में Mumbai में राजेंद्र लोढ़ा के ठिकानों पर छापेमारी की गई.

लोढ़ा डेवलपर्स लिमिटेड कंपनी के साथ धोखाधड़ी के मामले में पूर्व निदेशक राजेंद्र लोढ़ा पर यह कार्रवाई की जा रही है. Wednesday को ईडी ने राजेंद्र लोढ़ा के 14 ठिकानों पर छापे मारे. ईडी की छापेमारी का उद्देश्य कथित अपराध की आय का पता लगाना और लेन-देन से जुड़ी अन्य संस्थाओं की पहचान करना है. हालांकि, अभी किसी तरह की बरामदगी के बारे में जानकारी सामने नहीं आई है.

लोढ़ा डेवलपर्स लिमिटेड (अब मैक्रोटेक डेवलपर्स) की ओर से ही राजेंद्र लोढ़ा पर एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि राजेंद्र लोढ़ा ने 2013 से 2025 के बीच अपने पद का दुरुपयोग करके कंपनी से लगभग 85 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की. कल्याण के भोपर गांव में, कथित तौर पर 7.15 लाख वर्ग फुट से ज्यादा टीडीआर अवैध रूप से बेचा गया, जिससे लगभग 49 करोड़ रुपए का सीधा नुकसान हुआ.

आरोप यह भी लगाए गए कि उन्होंने अनधिकृत भूमि सौदे किए, औने-पौने दामों पर प्लॉट बेचे और फर्जी अधिग्रहण किए. इसके अलावा, पनवेल, अंबरनाथ और कल्याण में जमीनों को धोखाधड़ी के ज़रिए हड़प लिया गया, जबकि कंपनी के प्रमुख प्रोजेक्ट, लोढ़ा न्यू कफ परेड में फर्जी बुकिंग और नकद लेनदेन दिखाए गए. जांच में सामने आया कि राजेंद्र लोढ़ा ने लेन-देन को आसान बनाने के लिए एग्रीमेंट, एमओयू और अन्य दस्तावेजों में जालसाजी की.

लोढ़ा डेवलपर्स ने एक आधिकारिक बयान में इस घटनाक्रम की पुष्टि की. राजेंद्र लोढ़ा ने कंपनी के आदेश के बाद 17 अगस्त को सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था.

इस साल सितंबर में इस धोखाधड़ी के मामले में राजेंद्र लोढ़ा को Mumbai Police की अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया. Mumbai Police की अपराध शाखा के संपत्ति प्रकोष्ठ ने उनके वर्ली स्थित आवास से गिरफ्तारी की.

डीसीएच/