गंगा किनारे ऑर्गेनिक खेती और आधुनिक विकास से बदलेगा बिहार का चेहरा : निशिकांत दुबे

भागलपुर, 12 नवंबर . गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि केंद्र Government बिहार को विकास की नई दिशा देने के लिए ठोस कदम उठा रही है. उन्होंने बताया कि वित्त मंत्री ने गंगा नदी के किनारों पर ऑर्गेनिक खेती (जैविक कृषि) को बढ़ावा देने की विशेष योजना बनाई है, ताकि किसानों को नई आर्थिक शक्ति मिल सके और गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों का सतत विकास हो.

सांसद दुबे ने से कहा, “Government की योजना है कि गंगा किनारे के इलाकों में जैविक खेती को प्रोत्साहन दिया जाए और किसानों को इसके लिए आर्थिक सहायता दी जाए. इस काम के लिए सबसे उपयुक्त स्थान भागलपुर है. यहां की मिट्टी, जलवायु और भौगोलिक स्थिति ऑर्गेनिक खेती के लिए बेहद अनुकूल है.”

उन्होंने आगे कहा कि Government केवल खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र का कायाकल्प करने की दिशा में काम कर रही है. हम भागलपुर में मरीन ड्राइव विकसित कर रहे हैं, गंगा नदी पर नए पुलों का निर्माण हो रहा है और चार लेन की सड़कें बनाई जा रही हैं. आप कल्पना कर सकते हैं कि जब Patna से लेकर भागलपुर तक गंगा किनारे यह पूरा क्षेत्र विकसित होगा, तो बिहार की तस्वीर ही बदल जाएगी.

सांसद ने बताया कि यह परियोजना न केवल कृषि को आधुनिक बनाएगी, बल्कि पर्यटन, व्यापार और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी. गंगा के किनारे का हर गांव, हर खेत आने वाले दिनों में विकास की गवाही देगा.

BJP MP निशिकांत दुबे ने आगे कहा कि बिहार में किसानों की आय बढ़ाने और फसल को सुरक्षित रखने के लिए अब कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस का नेटवर्क तेजी से बढ़ाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि जब आप पूर्णिया से अररिया की ओर यात्रा करते हैं, तो सड़क के दोनों ओर कोल्ड स्टोरेज और गोदामों की कतार दिखाई देती है. यही काम अब भागलपुर और आसपास के इलाकों में भी शुरू होगा.

दुबे ने बताया कि इन सुविधाओं से किसानों को फसल खराब होने की चिंता नहीं रहेगी और उन्हें अपने उत्पादों के बेहतर दाम मिलेंगे. अब बिहार के किसान अपनी उपज को सुरक्षित रख पाएंगे, जब चाहें बेच पाएंगे और अपनी मेहनत की पूरी कीमत हासिल कर सकेंगे.

सांसद ने विश्वास जताया कि Prime Minister Narendra Modi और Chief Minister नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार आने वाले वर्षों में खेतों से लेकर सड़कों तक विकास की नई मिसाल कायम करेगा.

वीकेयू/एएस