
New Delhi, 31 अक्टूबर . मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी बैंक जैसे नॉन-बेंचमार्क इंडेक्स में शेयरों की संख्या को बढ़ा दिया है. साथ ही, बड़े स्टॉक्स के वेटेज को सीमित कर दिया है.
बाजार नियामक ने कहा कि नए नियमों से एक इंडेक्स में कुछ शेयरों के अधिक वेटेज की समस्या समाप्त हो जाएगी और व्यापक और संतुलित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा.
नए नियमों के तहत अब एक इंडेक्स में 14 शेयर होंगे, जबकि पहले इनकी संख्या 12 थी. एक शेयर का योगदान 20 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है, जो कि पहले 33 प्रतिशत था. इसके अलावा, अब किसी इंडेक्स में तीन बड़े शेयरों का वेटेज या योगदान 45 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है, जो कि पहले 62 प्रतिशत था.
सेबी के नए नियमों का असर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के बैंकएक्स और एनएसई के फिननिफ्टी इंडेक्स पर भी हो सकता है और आने वाले समय में इन इंडेक्स में एडजस्टमेंट देखने को मिल सकता है.
नए नियमों के बाद, बैंक निफ्टी में पहला एडजस्टमेंट दिसंबर 2025 को देखने को मिल सकता है. इसके बाद, तीन अतिरिक्त रीबैंलेंसिंग देखने को मिल सकती है.
सेबी के मुताबिक, नॉन-बेंचमार्क इंडेक्स पर डेरिवेटिव्स के नए नियमों से निवेशकों और फंड का जोखिम कम होगा.
बयान में कहा गया है कि नियमों का अनुपालन दोनों इंडेक्स बैंकेक्स और फिननिफ्टी के लिए एक ही चरण में शेयरों की संख्या में बदलाव या वेटेज के एडजस्टमेंट के माध्यम से लागू किया जा सकता है.
वर्तमान में बैंक निफ्टी में आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, फेडरल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल हैं.
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एबीएस/
