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New Delhi, 12 नवंबर . India के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक में कई देशों के विदेश मंत्रियों के साथ मुलाकात की. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा के नियाग्रा में फ्रांस, ब्राजील, यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठक की.
विदेश मंत्री जयशंकर ने फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की. इसके साथ ही बहुपक्षीय सहयोग को गहरा करने पर जोर दिया.
India के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “हमारी रणनीतिक साझेदारी का जायजा लिया. बहुपक्षीय एवं द्विपक्षीय स्वरूपों में हमारे सहयोग को गहरा करने पर चर्चा की.”
इसके साथ ही उन्होंने ब्राजील के विदेश मंत्री मौरो विएरा से भी मुलाकात की और कहा, “आज दोपहर ब्राजील के विदेश मंत्री मौरो विएरा से मिलकर खुशी हुई. हमारे द्विपक्षीय सहयोग में हुई हालिया प्रगति की सराहना की. हम व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी सहयोग को बढ़ाने के अवसरों की सक्रियता से तलाश कर रहे हैं.”
ब्रिटेन की विदेश मंत्री यवेट कूपर के साथ अपनी बातचीत में, एस जयशंकर ने कहा कि आज कनाडा में जी7 विदेश मंत्री की बैठक के दौरान ब्रिटेन की विदेश मंत्री यवेट कूपर से मिलकर खुशी हुई. हमारे संबंधों में सकारात्मक गति को स्वीकार किया और प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने के लिए भारत-ब्रिटेन विजन (आईएनजीबी) 2035 की फिर से पुष्टि की.
जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल और भारतीय विदेश मंत्री ने भारत-यूरोपीय संघ संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की और मध्य पूर्व, हिंद-प्रशांत और अफगानिस्तान के घटनाक्रमों पर विचारों को साझा किया. विदेश मंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया, “हमारी रणनीतिक साझेदारी और भारत-यूरोपीय संघ संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई. मध्य पूर्व/पश्चिम एशिया, हिंद-प्रशांत और अफगानिस्तान पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ.”
बता दें, भारत, कनाडा की अध्यक्षता में जी-7 विदेश मंत्रियों की बैठक में ब्राज़ील, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ एक आमंत्रित भागीदार के रूप में भाग ले रहा है. यह दो दिवसीय आयोजन वैश्विक सुरक्षा, आर्थिक लचीलापन, ऊर्जा सहयोग और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझेदारी को मजबूत करने पर केंद्रित है.
इससे पहले India के विदेश मंत्रालय ने Monday को कहा था, “जी-7 विदेश मंत्रियों की बैठक में विदेश मंत्री की भागीदारी वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर वैश्विक दक्षिण की आवाज को मजबूत करने के लिए अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ काम करने की India की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है.”
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केके/एएस