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New Delhi, 11 नवंबर . बिहार के बाद अब तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुदुचेरी में जारी मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) को चुनौती देते हुए Supreme court में याचिका दाखिल की गई. Supreme court ने इस पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा कि एसआईआर कराने की पूरी जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है. ऐसी स्थिति में अगर आप लोगों को मतदाता सूची से कोई आपत्ति है, तो आप चुनाव आयोग के पास जाइए.
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आप लोग तो ऐसा व्यवहार कर रहे हैं कि जैसे इस देश में पहली बार मतदाता सूची पुनरीक्षण हो रहा हो, जबकि सच्चाई यह है कि इससे पहले भी मतदाता सूची की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है. वैसे इसे कराने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होती है.
ऐसी स्थिति में अगर आपको इस पूरी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की विसंगति नजर आती है तो चुनाव आयोग के पास जाइए, आपकी समस्या का निवारण वहां पर हो जाएगा.
याचिकाकर्ता की तरफ से पेश अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि केंद्र Government को इस बात को समझना होगा कि मौजूदा समय में ज्यादातर किसान अभी खेती-बाड़ी में लगे होंगे. ऐसी स्थिति में सुचारू रूप से एसआईआर की प्रक्रिया को संपन्न कराना बिल्कुल भी उचित नहीं है. अगर बात पश्चिम बंगाल की करें, तो वहां अभी इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या है, तो ऐसी स्थिति में वहां पर भी सिर्फ एक महीने में एसआईआर की प्रक्रिया को पूरा करा पाना मुश्किल है.
Supreme court ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि एसईआर पर हाईकोर्ट भी कोई सुनवाई नहीं करेगा. एसआईआर के संबंध में विभिन्न Political दलों की तरफ से आपत्ति दर्ज कराने के बाद अब अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी.
पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और कांग्रेस की तरफ से चुनौती दी गई. इसके अलावा, तमिलनाडु में डीएमके ने एसआईआर का विरोध किया है, जबकि एआईएडीएमके ने समर्थन किया है.
देशभर में फर्जी मतदाताओं को चिन्हित करने के मकसद से केंद्र Government की तरफ से एसआईआर प्रक्रिया शुरू की गई है.
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एसएचके/वीसी