लखनऊ में ईडी की बड़ी कार्रवाई, 110 करोड़ की संपत्तियां जब्त

Lucknow, 30 अक्टूबर . मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक बड़े मामले में Lucknow Enforcement Directorate (ईडी) ने रोहतास प्रोजेक्ट लिमिटेड और अन्य कंपनियों पर शिकंजा कसते हुए 110.05 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है. इन संपत्तियों का मौजूदा बाजार मूल्य 300 करोड़ रुपए से अधिक बताया जा रहा है. यह कार्रवाई Tuesday को ईडी के Lucknow जोनल कार्यालय की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई.

ईडी के अनुसार, जब्त की गई संपत्तियां रोहतास समूह की सहयोगी कंपनियों और लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप्स- एम/एस अमल्या कंस्ट्रक्शन्स एलएलपी और एम/एस अमायरा इन्फ्रास्ट्रक्चर एलएलपी के नाम पर दर्ज हैं. ये दोनों कंपनियां एलजेके ग्रुप द्वारा नियंत्रित की जाती हैं और सभी संपत्तियां Lucknow में स्थित हैं.

ईडी ने जांच की शुरुआत उत्तर प्रदेश Police द्वारा दर्ज की गई 83 प्राथमिकी के आधार पर की थी. ये First Information Report भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज थीं. Police जांच में सामने आया कि मेसर्स रोहतास प्रोजेक्ट लिमिटेड ने सुल्तानपुर रोड प्रोजेक्ट और रायबरेली रोड प्रोजेक्ट नाम से दो टाउनशिप योजनाएं शुरू की थीं.

इन योजनाओं में ग्राहकों को विभिन्न आकार के प्लॉट या भूमि बुक करने का विकल्प दिया गया था. कंपनी ने वादा किया था कि बुकिंग की तारीख से 30 महीने बाद ग्राहक या तो अपना प्लॉट ले सकते हैं या बुकिंग राशि का 150 फीसदी एकमुश्त भुगतान प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि, जांच में यह पाया गया कि न तो प्रोजेक्ट विकसित किए गए और न ही निवेशकों को उनकी राशि लौटाई गई.

ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि रोहतास ग्रुप के प्रमोटर्स ने खरीदारों से वसूली गई रकम को अपनी सहयोगी कंपनियों और बेनामी व्यक्तियों के नाम पर जमीनें खरीदने में लगा दिया.

इन सहयोगी कंपनियों के शेयर बाद में एलजेके ग्रुप को ट्रांसफर कर दिए गए. इसके अलावा, रोहतास ग्रुप की बेनामी जमीनें भी बाद में अमल्या कंस्ट्रक्शन एलएलपी और अमायरा इंफ्रास्ट्रक्चर एलएलपी को स्थापित कर दिया गया, जो एलजेके ग्रुप के नियंत्रण में है.

ईडी की ओर से प्रेस नोट में कहा गया है कि मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े इस मामले में आगे की जांच जारी है.

पीएसके