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तेहरान/New Delhi, 11 नवंबर . ईरान दशकों पुराने विवाद को सुलझाने के लिए अमेरिका के साथ एक ‘शांतिपूर्ण’ न्यूक्लियर डील करना चाहता है, लेकिन वह अपनी नेशनल सिक्योरिटी से कोई समझौता नहीं करेगा. डिप्टी विदेश मंत्री सईद खतीबजादेह ने ये बात Tuesday को कही.
12वें अबू धाबी स्ट्रेटेजिक डिबेट में खतीबजादेह ने कहा कि वाशिंगटन तीसरे देशों के जरिए तेहरान को न्यूक्लियर बातचीत के बारे में विरोधाभासी संदेश भेज रहा है.
रॉयटर्स के मुताबिक जून में ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन की लड़ाई से पहले दोनों देशों के बीच न्यूक्लियर बातचीत के पांच दौर हुए थे, जिसमें वाशिंगटन ने ईरान की अहम न्यूक्लियर साइट्स पर हमला करके हिस्सा लिया था.
अमेरिका, उसके यूरोपीय सहयोगी और इजरायल तेहरान पर आरोप लगाते हैं कि वह अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम का इस्तेमाल हथियार बनाने की क्षमता हासिल करने की कोशिशों को छिपाने के लिए कर रहा है. ईरान का कहना है कि उसके न्यूक्लियर प्रोग्राम का मकसद शांति है.
अक्टूबर में, President डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि जब तेहरान तैयार होगा तो अमेरिका ईरान के साथ डील करने के लिए तैयार है, और “(ईरान के साथ) दोस्ती और सहयोग का हाथ खुला है.”
तेहरान के नजरिए को दोहराते हुए, खतीबजादेह ने वाशिंगटन पर “डिप्लोमेसी से धोखा देने” का भी आरोप लगाया और कहा कि जून की लड़ाई के बाद से न्यूक्लियर बातचीत रुक गई है.
दोनों पक्षों के बीच अभी भी बड़े मतभेद हैं, जैसे कि ईरानी जमीन पर यूरेनियम संवर्धन का मुद्दा, जिस पर अमेरिका की नजर है क्योंकि वह मानता है कि इसका इस्तेमाल हथियार बनाने के लिए होगा. हालांकि, तेहरान इसे खारिज करता रहा है.
पिछले हफ्ते, ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका के साथ बातचीत से इनकार कर दिया था.
खतीबजादेह ने कहा, “तेहरान न्यूक्लियर बम नहीं चाहता है और… इसके बारे में दुनिया को भरोसा दिलाने के लिए तैयार है. हमें अपने देश में बने न्यूक्लियर प्रोग्राम पर बहुत गर्व है.”
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केआर/