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रामपुर, 11 नवंबर . Samajwadi Party (सपा) के महासचिव आजम खां को Tuesday को बड़ी राहत मिल गई. भड़काऊ भाषण के मामले में उन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया है. Police की तरफ से उनके खिलाफ साक्ष्य नहीं दिया जा सका.
इसके साथ ही कोर्ट ने विवेचक के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है. Tuesday को इस मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के लिए सपा नेता आजम खां दोपहर में कोर्ट पहुंचे, जहां सुनवाई के बाद एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सपा नेता को बरी कर दिया.
दरअसल, 2019 के Lok Sabha चुनाव में तत्कालीन एसडीएम सदर पीपी तिवारी की ओर से सपा नेता आजम खां के खिलाफ भड़काऊ भाषण का मामला दर्ज कराया गया था. यह मामला कोर्ट में विचाराधीन था. इस मामले में अभियोजन और बचाव पक्ष की ओर से अंतिम बहस पूरी हो चुकी थी.
कोर्ट से बाहर आकर आजम खान अपने अंदाज में नजर आए. उन्होंने कहा कि बहुत कम ऐसा हुआ है कि बेगुनाह ही बेगुनाह साबित हुआ है. Police ने जिस तरह से मुकदमा किया, उन्होंने सच को छुपाने के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी थी. उन्होंने कहा कि अगर हम इसमें बरी हुए हैं, तो इसका मतलब यह है कि हमने सभी हदें पार कीं और उस साजिश व मंसूबे बाजी के खिलाफ इंसाफ पाने में कामयाब हुए, जिसमें पूरे परिवार को मुजरिम बनाने की कोशिश की गई थी. तमाम सबूत-इलेक्ट्रॉनिक वीडियो और ऑडियो देने के बावजूद उन्हें नहीं माना गया.
ज्ञात हो कि चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का यह मामला वर्ष 2019 के Lok Sabha चुनाव का है. आजम खां Lok Sabha चुनाव लड़े थे और जीते भी थे. इस दौरान उनके खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मुकदमे दर्ज हुए थे. चुनाव के दौरान रामपुर के मिलक थाना क्षेत्र के खटानागरिया गांव में आज़म खान ने एक चुनावी सभा को संबोधित किया था.
सभा में उन्होंने तत्कालीन रामपुर डीएम अन्जनेय कुमार सिंह, Chief Minister योगी, Prime Minister मोदी और कांग्रेस उम्मीदवार संजय कपूर पर कथित रूप से टिप्पणियां की थी. अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि आज़म ने चुनाव आयोग को ‘भ्रष्ट’ बताते हुए मतदाताओं को ध्रुवीकरण के लिए उकसाया.
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विकेटी/एएस