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New Delhi, 30 अक्टूबर . India और साइप्रस के बीच संबंधों की सराहना करते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोनों देशों को विश्वसनीय मित्र और साझेदार बताया. उन्होंने साइप्रस की संप्रभुता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के अनुरूप, Political समानता वाले द्वि-क्षेत्रीय, द्वि-सांप्रदायिक संघ के लिए India का समर्थन व्यक्त किया.
Thursday को New Delhi में साइप्रस के विदेश मंत्री कॉन्स्टैटिनोस कोम्बोस के साथ बैठक के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध आपसी सम्मान, साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और एक संयुक्त रणनीतिक दृष्टिकोण पर आधारित व्यापक साझेदारी के रूप में विकसित हुए हैं.
इसके साथ ही उन्होंने कॉन्स्टैटिनोस कोम्बोस और उनके प्रतिनिधिमंडल का India में हार्दिक स्वागत किया. उन्होंने कहा, “आपकी यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब साइप्रस 1 जनवरी 2026 से यूरोपीय संघ की परिषद की अध्यक्षता संभालने की तैयारी कर रहा है. साइप्रस और यूरोपीय संघ दोनों के साथ संबंधों को मजबूत करना India की एक प्रमुख प्राथमिकता है. हम इस संबंध में आपके निरंतर समर्थन की सराहना करते हैं.”
उन्होंने कहा कि India और साइप्रस विश्वसनीय मित्र और विश्वसनीय साझेदार हैं. आजकल विश्वास और समय की कसौटी पर खरा उतरना आसान विशेषण नहीं हैं, लेकिन मुझे लगता है कि मैं इस रिश्ते के लिए पूरे विश्वास और आश्वासन के साथ ऐसा कर सकता हूं.
एस जयशंकर ने आगे कहा, “हमारे संबंध आपसी सम्मान, साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और एक संयुक्त रणनीतिक दृष्टिकोण पर आधारित एक व्यापक साझेदारी के रूप में विकसित हुए हैं. यह दूरदर्शी है और दोनों देशों के हितों और आकांक्षाओं के अनुरूप है. हम संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और राष्ट्रमंडल सहित क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर भी घनिष्ठ सहयोग करते हैं.”
इसके अलावा, विदेश मंत्री जयशंकर ने सीमा पार आतंकवाद पर साइप्रस के समर्थन की सराहना की और कहा, “हम India के मूलभूत हितों के मुद्दों पर, विशेष रूप से सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में, साइप्रस के निरंतर समर्थन की गहराई से सराहना करते हैं. मैं पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद की गई कड़ी निंदा और आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में India के साथ व्यक्त की गई एकजुटता के लिए एक बार फिर आपकी Government को धन्यवाद देना चाहता हूं. हम विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में India की स्थायी सदस्यता और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता के लिए आपके निरंतर समर्थन की भी सराहना करते हैं.”
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केके/एबीएम